निशिकांत सिंह.पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आग लगने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सरकार को कुआं खोदने का सुझाव दे रहे हैं। पूरे प्रदेश में जहां पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है वहीं अब तक अगलगी के कहर से हजारों घर स्वाहा हो चुके हैं। राज्य सरकार जहां गर्मी शुरू होने के पहले ही चापाकल योजना बंद कर दी वहीं अगलगी से निपटने की भी कोई कारगर व्यवस्था नहीं की है। अगलगी के पीडि़तों को घोषित सहायता अनुदान भी नहीं दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में पेयजल संकट चरम पर है। पांच प्रतिशत घरों में भी पाइप से जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं है। मगर सरकार ने पाइप से जलापूर्ति के नाम पर पहले से चल रही चापाकल योजना पहली फरवरी से ही बंद कर दिया। आधे से ज्यादा चापाकल खराब पड़े हैं। ग्रामीण जलापूर्ति योजना पूरी से फेल है। अब जब अगलगी से कोहराम और पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा है तो सरकार के स्वयंभू सलाहकार बने लालू प्रसाद कुआं खोदने की सलाह दे रहे हैं। क्या यह बिहारवासियों के साथ मजाक नहीं है? कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में सौ-दो सौ घर आग की भेंट नहीं चढ़ रहे हों। अब तक 50 से अधिक लोगों की जानें अगलगी में जा चुकी है। हजारों एकड़ में लगी फसलों के अलावा करोड़ों रुपये की परिसम्पतियां जल चुकी हैं। हजारों परिवार बेघर होकर इस तपती गर्मी में खुले में रहने को विवश है। अगलगी पीडि़त परिवारों को सरकार की ओर से घोषित खाद्यान्न, वस्त्रा आदि व बर्तन आदि के लिए देय 9,800 रुपये का अनुदान नहीं दिया जा रहा है। थाने स्तर पर आग बूझाने की छोटी गाड़ी की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने मांग की कि सरकार अविलम्ब अगलगी से निपटने के लिए हर थाने में दमकल की छोटी गाडि़यों की व्यवस्था करें। खराब पड़े चापाकलों की मरम्मति करायें और हर घर में पाइप से जलापूर्ति होने तक चापाकल लगाने की योजना फिर से षुरू करें। अगलगी पीडि़त परिवारों को पारदर्षी तरीके से निर्धारित सहायता अनुदान वितरित किया जाए।