भाजपा कार्यालय बना रणक्षेत्र,जेएनयू मामले पर प्रदर्शनकारी छात्र व भाजपा कार्यकर्ता टकराए

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निशिकांत सिंह.पटना. कन्हैया की गिरफ्तारी के विरोध में एआईएसएफ के नेतृत्व में विभिन्न छात्र संगठनों का प्रदेश भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान छात्रों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट की घटना हुई. भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के पास कुछ देर के लिए रणक्षेत्र की स्थिति बन गई.भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर पुलिस के संरक्षण में भाजपा कार्यालय पर हमला किया गया.

विभिन्न दलों के छात्र संघों द्वारा भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय के पास प्रदर्शन करने के दौरान भाजपा एवं छात्र यूनियन आमने सामने आ गए. हुआ यह की छात्र यूनियन जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन भाजपा ऑफ़िस के पास करने गया. उसी समय भाजपा कला संस्कृति मंच द्वारा आक्रोश मार्च निकाला जा रहा था. दोनों का समय 12-30 निर्धारित था.
जैसे ही भाजपा कला संस्कृति द्वारा आक्रोश मार्च कार्यालय से आरंभ हुआ जिला पुलिस बल द्वारा मार्च को आगे बढ़ने से रोक दिया गया.
उधर जिला बल भाजपा के कार्यकर्ताओं को रोक रही थी उसी समय एआईएसएफ के नेतृत्व में छात्र राजद, छात्र जनअधिकार मोर्चा, छात्र एनसीपी के छात्र भाजपा ऑफ़िस के पास पहुंच गए एवं नारेबाजी करने लगे .
नारेबाजी दोनों तरफ़ से हो रही थी और स्थानीय बल भाजपा नेताओं को समझा ही रहे थे कि छात्रों के समुह द्वारा पत्थर एवं रोडे तथा बोतल फेके जाने लगे. रोडेबाजी के बाद पुलिसबल ने हलका लाठी भी छात्रों पर चटकाया उसके बाद सचिवालय डीएसपी एवं कोतवाली डीएसपी
सीटी एसपी चंदन कुशवाहा भी पहुंच गए.
इस दौरान भाजपा नेता अनिल शर्मा घायल भी हो गए. और एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरामैन की आंख पर चोट लगी है.
बाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि यह एक सोची समझी साज़िश थी.   जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने नकाम किया
हल्की चोट भाजपा कला संस्कृति मंच के नेता शैलेश महाजन को भी लगी. पुलिस के साथ धक्कामुकी में विधान पार्षद संजय मयुख व सत्पाल नरोत्तम को भी हल्की चोटें आई.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश और जानकारी में भाजपा प्रदेश कार्यालय पर जदयू, राजद और वामपंथी गुंडों द्वारा हमला किया गया. सत्ता के संरक्षण में हुई इस शर्मनाक घटना के लिए मुख्यमंत्री को बिहार की जनता से माफी मांगनीचाहिए. एक ओर तो राजग की ओर से दो दिन पहले निकाले गए आक्रोश मार्च को पुलिस के बल पर आगे नहीं बढ़ने दिया गया और भाजपा कार्यालय के पास ही रोक दिया गया, वहींदूसरी ओर आज सरकार के इशारे पर पुलिस के संरक्षण में गुंडे भाजपा कार्यालय पर पहुंचकर हमला करने में सफल रहे. सूचना के बावजूद पुलिस इन गुंडों को रोकने और कार्रवाई करने में विफल रही. नीतीश कुमार बतायें क्या यही उनका कानून का राज है? मोदी ने कहा कि एक ओर जहां विपक्षी नेताओं की एक-एक कर हत्या हो रही हैं वहीं अब सत्ता के संरक्षण में विपक्षी दलों के कार्यालय पर हमले किए गए है। नीतीश कुमार बतायें कि क्या विपक्षियों से बदला लेने का यह उनका तरीका नहीं है?

 

 

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