नीतीश सरकार के खिलाफ एनडीए का आक्रोश मार्च

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संवाददाता.पटना. बिहार की चौपट विधि-व्यवस्था, राजनीतिक हत्याओं में निरंतर वृद्धि, धान की खरीद में सरकार की विफलता, आत्म हत्या करने को मजबूर किसान, सभी क्षेत्रों में विकासहीनता, शैक्षिक जगत में  गिरावट और बेकाबू होता संगठित अपराध जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने आज राजधानी में ‘आक्रोश मार्च’ निकाला.

वीरचंद पटेल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय से एनडीए के नेताओं के  साथ साथ भाजपा, लोजपा, हम और रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने इस मार्च में भाग लिया और सरकार विरोधी नारे लगाये. आक्रोश मार्च का नेतृत्व प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मंगल पाण्डेय,  बिहार विधान सभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, रालोसपा के अध्यक्ष डा. अरूण कुमार व ललन पासवान, हम के वृषिण पटेल आदि ने किया. वीरचंद पटेल पथ स्थित भाजपा कार्यालय से शुरू हुए मार्च को आर0 ब्लॉक के पास पुलिस ने जबरन रोक दिया और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को ‘वाटर कैनन’ के जरिये रोकने का प्रयास किया गया.लेकिन मार्च में शामिल लोगों की एकजुटता पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शनकारी डटे रहे.

आर0ब्लॉक के पास हुई सभा को सम्बोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने कहा कि राज्य की बद से बदतर होती हालत को देख नीतीश सरकार के ढाई माह बाद के शासन के बाद एनडीए को सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ा है.  एनडीए इस संघर्ष को और तीव्र करेगा. जिसकी रणनीति शीघ्र ही तय की जाएगी. पाण्डेय ने कहा कि नीतीश सरकार अपने ढाई माह के शासन में कुछ कर नहीं पायी है सिवाय विपक्ष पर दोषारोपण के. राज्य के अधिसंख्य जिलों में आज निकला ‘आक्रोश मार्च’ स्पष्ट करता है कि सरकार की करतूतों के खिलाफ जनता में कितना गुस्सा है. लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा कि राज्य में हत्या, लूट और अपहरण का बोलबाला है.  लेकिन मुख्यमंत्री कहते  हैं कायम है कानून का राज. राजनीतिक हत्याओं की बढ़ती घटनाओं ने विपक्ष को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है जिसकी प्रथम अभिव्यक्ति  है आज का आक्रोश मार्च. रालोसपा के ललन पासवान ने कहा कि राज्य में शासन नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है.  भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने अपने संबोधन में कहा कि अपहरण और रंगदारी की मांग ने निर्माण कार्य में जुटी एजेंसियों और व्यापारी वर्ग को राज्य से पलायन करने को मजबूर कर दिया है. बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता डा0 प्रेम कुमार ने कहा कि धान की खरीद में सरकार की विफलता से किसान आत्म हत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. वरिष्ठ नेता राज्य सभा सदस्य डा0 सी0पी0 ठाकुर ने आंदोलन को और धारदार बनाने का आह्वान किया . हम के वृषिण पटेल ने नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की ढाई माह की उपलब्धि शून्य है. क्योंकि राजपाट का संचालन तो उनके बड़े भाई कर रहे हैं. शासन का रिमोट तो उनके पास है.

आक्रोश मार्च में शामिल एनडीए के घटक दलों के हजारों कार्यकर्ता सहित भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक अरूण कुमार सिन्हा, लोजपा विधान परिषद के नेता नूतन सिंह, सांसद वीणा देवी, सत्यानंद शर्मा, विनोद नारायण झा, संजय मयूख,  दानिश रिजवान, संजीव चैरसिया, नीतीन नवीन, नीरज कुमार बब्लू, सच्चिदानन्द राय, प्रेम रंजन पटेल, विवेक ठाकुर, योगेन्द्र पासवान, धीरेन्द्र सिंह, अनिल शर्मा, सत्यपाल नरोत्तम, संजय राय, देवेश कुमार, सीताराम पाण्डेय, संजय गुप्ता, अभय गिरी, अशोक भट्ट, किरण कुमारी, अनामिका शंकर, अनामिक पासवान,  जहां सरकार की खामियों को उजागर कर रहे थे वहीं हरलाखी विधान सभा उपचुनाव में अपने प्रत्याषी सुधांशु शेखर की जीत पर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. प्रदर्शन स्थल पर आयोजित सभा का संचालन टी0एन0 सिंह ने किया.

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