संवाददाता.रांची.झारखंड में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्र सरकार के सामने पैकेज रखते हुए नई राजधानी के लिए 4100 करोड़ और कृषि विकास के लिए 5712 करोड़ रुपए की मांग की है. साथ ही आधारभूत संरचना के विस्तार और उग्रवाद के सफाए के लिए भी अतिरिक्त राशि की मांग की. रघुवर दास ने राज्य की जरूरतों पर आधारित केन्द्र सरकार को एक रिपोर्ट भी सौंपी.
मुख्यमंत्री रघुवर दास शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल हुए. यह बैठक अगले वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट पर विमर्श के लिए बुलाई गई थी. इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि नमामि गंगे परियोजना में दामोदर नदी को शामिल किया जाए. दामोदर की सफाई के लिए 1640 करोड़ रुपए की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोयला खनन और परिवहन से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका समाधान भी होना चाहिए.
रघुवर दास ने आयकर कानून की धारा 80सी के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने की मांग रखी. बैंक में जमाराशि से मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस छूट की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए की जाए. उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) से राहत देने का भी प्रस्ताव रखा. मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि खनिजों की रॉयल्टी में बढ़ोतरी होनी चाहिए. झारखंड में बैंकों के एटीएम बढ़ने चाहिएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज पदार्थों की उपलब्धता को देखते हुए राज्य में स्टील इकाइयों की स्थापना की जा सकती है.बिजली के लिए नए थर्मल पावर स्टेशन लगाए जा सकते हैं. आईआईटी, एम्स व ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा सकती है.
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने रांची कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने और देवघर में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने पर सहमति दे दी है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और मुख्यमंत्री रघुवर दास की मौजूदगी में शनिवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई. बैठक में झारखंड की शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव भी मौजूद थीं. मुख्यमंत्री का मानना है कि इस बैठक में झारखंड को कई सौगातें मिली हैं. देवघर में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही धनबाद स्थित आईएसएम में इसी सत्र से आईआईटी की पढ़ाई शुरू कराने का भी आश्वासन दिया गया है.