संवाददाता.पटना.बड़े पैमाने पर शिक्षकों को जनगणना कार्य में लगाए जाने के कारण बहुत से स्कूलों में ताला लटकने की संभावना बढ गई है.ऐसी स्थिति में चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना छात्रवृति-पोशाक की राशि का वितरण अधर में लटक सकता है.
प्राप्त सूचना के अनुसार जनगणना कार्य में शिक्षकों को लगाए जाने के क्रम में इस बात का ख्याल नहीं रखा जा रहा है कि कम से कम पचास प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल में छोड़ा जाए ताकि वार्षिक परीक्षा के पूर्व न शिक्षण कार्य प्रभावित हो और न ही वित्तीय वर्ष का समाप्ति के पूर्व छात्रवृति- पोशाक योजना पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़े. इतना ही नहीं बल्कि स्कूल के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक को भी जनगणना कार्य में लगाया जा रहा है जिनका सीधा संबंध छात्रवृति-पोशाक योजना के कार्यानन्वन से जुड़ा है.
दिलचस्प तथ्य यह है कि इस मामले में शिक्षा विभाग और जनगणना कार्य को संपादित करने में जुटी नगर निगम में कोई तारतम्य ही नहीं है. जिन प्रभारी को जनगणना कार्य से मुक्त करने की अनुशंसा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा की जा रही है उसे नगर निगम मानने को तैयार नहीं है. उल्लेखनीय है कि स्कूल प्रभारी पर अभी वार्षिक परीक्षा के साथ-साथ मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी छात्रवृति-पोशाक योजना को संपन्न कराने की जिम्मेदारी है.छात्रवृति- पोशाक की राशि चुंकि विभिन्न विभागों से मिलनी है इसलिए बालक-बालिका,सामान्य,एससी,एसटी,पिछड़ा आदि के हिसाब से अलग अलग सूची फाइनल करना है. इसके अलावा विभिन्न कारणों से जिन स्कूलों में मध्यान भोजन बंद है उन स्कूलों को इसी महीने इसकी शुरूआत करने की जिम्मेदारी भी है.अगर जनगणना कार्य और स्कूल व्यवस्था में बेहतर तालमेल नहीं बनाया गया तो निश्चित तौर पर अनेक स्कूलों में ताला लटकेगा या छात्रवृति-पोशाक की राशि नहीं वितरित हो पाएगी.वार्षिक परीक्षा भी राम भरोसे ही हो जाएगा.