बिहार में बहार या विधायकों की करतूतों से सुशासन शर्मशार

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निशिकांत सिंह.

पटना. बिहार में महागठबंधन की सरकार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास का नारा बुलंद कर पुनः सत्ता प्राप्त की. जनता ने उनके कार्यों पर भरोसा किया. लेकिन महागठबंधन के तीनों दलों के विधायकों की  करतूतों से सुशासन की सरकार शर्मशार हो रही है. बिहार का गौरव भी कलंकित हो रहा है.

एक ओर विरोधी दल लगातार सत्ता पक्ष के विधायकों की करतूतों से उन्हें मौका भी मिल गया सुशासन  की सरकार पर हमला बोलने का. कांग्रेस के विधायक एक लड़की को लेकर भाग गये मीडिया में जोर शोर से खबर चली. विधायक किसी का फोन भी रीसीव नहीं कर रहे थे. बाद में पता चला कि विधायक ने पटना एसएसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. लड़की को विधायक ने नहीं बल्कि उनके ड्राईवर ने भगाया था और उससे शादी की थी.

थाने में जिस तरीके का व्यवहार पत्रकारों के साथ विधायक ने किया वह सुशासन को और शर्मशार कर देनेवाला था. सिद्धार्थ ने एक ऑनलाईन अखबार के रिपोर्टर को खबर चलाये जाने पर देख लेने की धमकी तक दे डाली. विधायक का यह कोई नया करतूत नहीं था. विधायक जब स्कूली छात्र थे तो प्रेम प्रसंग में ही अपने मित्र को गोली मार दिये थे जिसकी सजा उन्हें मिली थी.

जदयू के एक विधायक ट्रेन में महिला के साथ छेड़खानी करते हैं. बाद में छेड़खानी और यात्रा से इनकार कर देते है कि उन्होंने यात्रा की थी लेकिन सीसीटीवी फुटेज में विधायक स्टेशन पर दिखे. ट्रेन में सफर के दौरान एक गुप्ता दंपत्ती के साथ अभद्र व्यवहार व छेड़खानी की. बाद में जदयू ने अपने विधायक पर कार्रवाई की और उन्हे पार्टी की सदस्यता से निकाल दिया.

जदयू विधायक सरफराज का मामला अभी ठंडा भी हुआ था कि अतरी के विधायक कुंती देवी के पुत्र रंजीत यादव ने डाक्टर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जिससे डाक्टर लहूलुहान हो गया. बाद में उसे अस्पताल में दाखिल किया गया. नीमचक बथानी पीएचसी में तैनात चिकित्सक सत्येन्द्र कुमार की जमकर पिटाई कर दी गयी थी जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था.

इन दो घटनाओं के बाद कांग्रेस विधायक का मामला सामने आया था जिसमें सुशासन के चेहरे इन विधायकों के करतूत से जहां दागदार हुए वहीं विपक्ष को भी मौका हमला करने का मिल गया महागठबंधन के माननीयों द्वारा किये जा रहे कांड भले ही कहानियों की तरह लगे लेकिन सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता है कि महागठबंधन के ये माननीय नीतीश कुमार की सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. क्योंकि अभी नयी सरकार के सौ दिन भी नहीं हुये हैं पर दर्जन भर माननीयों के चेहरे पर चढ़ा नकाब उतर गया है. लड़की भगाने से लेकर छेड़खानी और हत्याकांड तक से माननीयों के नाम जुड़ चुके हैं. चुनाव परिणाम आने के तीन दिन बाद ही परबत्ता विधायक व पूर्व मंत्री पर एक वकील की पिटाई का आरोप लगा. कंकड़बाग स्थित आवास के पास ही विधायक पर पिटाई का आरोप लगा. पूर्व मंत्री बीमा भारती हमेशा अपने पति अवधेश मंडल के कारण सुर्खियों में रही है. इस बार उन पर थाने से पति को भगाने का आरोप लगा. इस कारगुजारी में आरोप पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा पर भी लगा था. अगर इस तरह के वारदातों व अपने विधायकों पर पर सुशासन बाबू ने कंट्रोल नहीं किया तो फिर यह गीत  ”बिहार में बहार है,,,,,,,” लोगों के बीच मजाक का विषय न बन जाए.

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