निशिकांत सिंह.
पटना. छोटे-मध्यम उद्योग-व्यापार के अलावा स्कूल,कॉलेज,अस्पताल जैसे सामाजिक क्षेत्र के लिए पांच से पंद्रह करोड़ तक का बैंक ऋण देगी.इस आशय का निर्देश, रिजर्व बैंक ने सभी बैंको को दिया है.रिजर्व बैंक के अनुसार घर में सोना रखने का जोखिम कम करने के लिए ऑन पेपर खरीद-बिक्री को तरजीह दी जाएगी.वर्तमान दर पर सोना खरीद कर सिर्फ पेपर रखें और जब बेचना चाहें उस समय की कीमत के साथ अतिरिक्त ब्याज का भी लाभ उठाएं.
प्रेस वार्ता में यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक के बिहार जोन के जनरल मैनेजर मनोज कुमार वर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि बिहार प्रक्षेत्र गांवों में घर बनाने वालों को भी होम लोन दिया जायेगा. हालांकि यह प्रक्रिया पहले से लागू है लेकिन राज्य सरकार नक्सा पास करने की ऑथरिटी गांवों में नहीं रखी है जो सत्यापन करे कि अमूक व्यक्ति को ऋण दिया जा सकता है. वर्मा ने कहा कि सभी बैंको को अपने 7 प्रतिशत होम लोन ग्रामीण इलाकों में घर बनाने वालों के लिए देना अनिवार्य है. लेकिन बिहार में राज्य सरकार सत्यापन कराने की सुविधा नहीं दिया है जिससे सत्यापित हो सके कि इस व्यक्ति को घर बनाने के लिए ऋण की सुविधा चाहिए. उनहोंने कहा कि राज्य के हर पंचायतों में बैंक की शाखाएं खोलना है. राज्य में पांच हजार से उपर पंचायत है और हर पंचायत में बैंक की शाखाएं खुलेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के 1740 गांवों को चिन्हित किया गया है जहां पर दो हजार से अधिक की जनसंख्या है और वहां बैंक नहीं है वहां पर 2017 तक कोई न कोई बैंक की शाखा खोल दी जायेगी.
वर्मा ने कहा कि भारत में सोना की खरीददारी अच्छी होती है.लोग सोना खरीदते है और लॉकर में रख देते है. लोग अगर सोना को पेपर में खरीदना चाहें तो बैंक पेपर पर सोना खरीदने वालों को तरजीह देगी.अगर लोग आज का जो सोना का रेट है उस रेट में जितना चाहे पैसा जमाकर पेपर ले ले और उनको जब वो बेचना चाहें तो जिस भाव में सोना होगा उसके अतिरिक्त तीन प्रतिशत और पैसा दिया जायेगा.