कर्पूरी ठाकुर को मिले भारत रत्न- नीतीश कुमार

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संवाददाता.पटना.कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बीजेपी पर जमकर बरसे. इस अवसर पर बिहार की तर्ज पर पूरे देश में अतिपिछड़ों को आरक्षण की मांग उन्होंने की. नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की भी मांग की. नीतीश कुमार ने बीजेपी के कर्पूरी जयंती मनाने पर सवाल खड़ा करते हुये कहा कि जिन लोगों ने उनकी सरकार गिरा दी अब वही जयंती मना रहे हैं.

नीतीश ने हैदराबाद में दलित छात्र की आत्महत्या पर तंज कसते हुये कहा कि देश में जो वातावरण बना है बीजेपी उसी राह पर है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में ऊंचे पदों पर बैठे नेताओं ने क्या-क्या नहीं किया. नीतीश ने कहा कि हमारा स्वभाव है कि हम कटाक्ष नहीं करते. अब तो चुनाव के बाद भी बेचैनी है. कृष्ण मेमोरियल हॉल की बुकिंग के मामले पर भी मुझपर आरोप लगने लगे. अरे हम कोई क्लर्क हैं. बीजेपी वाले रोज छाती पीट रहे हैं. जनता ने हमें मैंडेट दिया है लेकिन उन्हें पच नहीं रहा है. हम काम करने वाले हैं काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोगों से सीखते हैं. लोगों का भरोसा है उसे टूटने नहीं देंगे. जबतक शरीर में शक्ति हैं काम करेंगे. कोई भेदभाव नहीं करेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कानून का राज है और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में ना जंगल राज है और ना रहेगा. बिहार में कानून का राज है और आगे भी जारी रहेगा. एक घटना कही घट जाती है तो उसे देश में चर्चा बना दिया जाता है, लेकिन भाजपा शासित दूसरे राज्यों में ऐसा होता है तो कुछ नहीं होता.

नीतीश कुमार ने सरफराज आलम पर पार्टी द्वारा हुई कार्रवाई का भी जिक्र किया. नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे नहीं लगता है लालू प्रसाद कोई हस्तक्षेप कर रहे हैं. उन्हें सुपर सीएम कहा जाता है. अरे जो जनप्रतिनिधि या जन नेता हैं वे फोन नहीं करते हैं क्या? नेता के पास अगर कोई लोग जायेंगे तो वे तो अधिकारी को फोन करेंगे ही. भाजपा वाले भी जब साथ थे तो वे भी तो फोन करते थे. लालू प्रसाद एक अस्पताल का निरीक्षण कर लिये तो हाय तौबा मच गया.

नीतीश कुमार ने सुशील मोदी के जनता दरबार और रेलवे स्टेशन के निरीक्षण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि किस हैसियत से वे जनता दरबार लगाते हैं. हम तो एलायंस धर्म का पालन करते हैं. पहले भाजपा के साथ करते थे अब राजद के साथ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जबतक शरीर चलेगा तबतक काम करेंगे. काम नहीं होगा तो हाथ जोड़ लेंगे लेकिन कफन मांगने नहीं जायेंगे. हम ऐसा नहीं है कि हम ऋण लेकर मर जायें. शराब बंदी से जो नुकसान होगा लेकिन स्वास्थ्य तो बचेगा.

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