संवाददाता.पटना. बिहार में बढ़ते क्राइम को लेकर राजद- जेडीयू आमने- सामने है और दोनों दलों के बयानबाजी पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता सुशील मोदी इसे आपसी खींचतान बता रहे हैं.उधर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की है.उन्होंने राजद नेताओं और प्रवक्ताओं को इससे बाज आने को कहा है.उन्होंने कहा, “फिजूल में न बोलें प्रवक्ता, अगर समझ में नहीं आता तो घर में चुपचाप सो जाएं।”
लालू प्रसाद की नाराजगी पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान के बाद दिखी. रघुवंश सिंह ने बिहार में बढ़ते क्राइम के लिए सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था, “स्टीयरिंग नीतीश के पास है. ऐसे में जो बातें होंगी, जो सवाल उठेंगे, नीतीश को जवाब तो देना ही होगा.
लालू प्रसाद ने कहा कि लोग टीआरपी बढ़ाने के लिए अनाप-शनाप बयान देते हैं. इससे पार्टी को नुकसान होता है. उन्होंने कहा, “महागठबंधन एकजुट है. हमारे बीच कोई विवाद नहीं है. लालू की नसीहत के बाद भी रघुवंश नहीं माने. उन्होंने फिर कहा, “क्राइम रोकने की जिम्मेदारी नीतीश की है. क्राइम पर सरकार को लेकर जनता के बीच जो धारणा बन रही है, मैंने उसी बारे में कहा है. आखिर हम सरकार में हिस्सेदार हैं.
रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, “रघुवंश बाबू सठिया गए हैं. विधानसभा चुनाव के समय से ही वह अनाप-शनाप बोलते रहे हैं. जेडीयू नेता श्याम रजक ने कहा था कि नीतीश को कोई नसीहत नहीं दे सकता. वो सुशासन के लिए जाने जाते हैं.
उधर, राजद-जदयू के बयानबाजी पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि अपराध की बढ़ी घटनाओं से जहां बिहारवासी दहशत में हैं वहीं सरकार में शामिल महागठबंधन के दलों के बीच जारी बयानबाजी से अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है. सरकार में शामिल दलों के बीच हो रही बयानबाजी से सरकार में जारी खींचतान सतह पर दिखने लगी है. साढ़े सात साल तक भाजपा के साथ सरकार चला कर नीतीश कुमार ने कानून-व्यवस्था को नियंत्रित किया तो उस दौरान एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब घटक दलों में इसे लेकर कोई तकरार हुई हो. मगर दो महीने के भीतर ही जदयू-राजद के बीच खटास बढ़ने लगी है. बयानों के जरिए एक-दूसरे की कमियां गिनाई जाने लगी हैं.
अपराध की बढ़ी घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार में शामिल राजद ने अगर मुख्यमंत्री को कोई सुझाव दिया है तो उस पर उन्हें तिलमिलाने के बजाय अमल करना चाहिए.