प्रमोद दत्त.
पटना. बिहार कांग्रेस में गुटबाजी के कारण परम्पराएं तोड़ी जा रही है.परम्परा के विपरीत विधानसभा चुनाव के बाद विधायक दल का नेता चुनने के बजाए पहले मंत्रियों की सूची बनाई गई.इसे बिहार कांग्रेस में बढती गुटबाजी का परिणाम बताया जा रहा है.सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब हर निर्णय आलाकमान की स्वीकृति पर हो रहा है तो क्या राहुल गांधी बिहार कांग्रेस की गुटबाजी को संरक्षण दे रहे हैं?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हाशिए पर किए जा रहेहैं.विधायक दल के नेता सदानंद सिंह मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं.हालांकि उन्हें भरोसा दिया गया है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस कोटे से एक रिक्त पद पर उन्हे ही मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन अंदरखाने की माने तो इस एक पद का लॉलीपॉप सभी वैसे विधायकों को दिखाया जा रहा है जो मंत्री पद के खुद को दावेदार समझते हैं.सदानंद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता बखूबी समझते हैं कि पार्टी के अंदर असंतोष को दबाए रखने के लिए एक पद को खाली रखते हुए सबको आश्वासन से बांधकर रखा जाएगा.
कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक सदानंद सिंह विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.तीसरी बार विधायक दल के नेता बने हैं.अपनो के बीच सदानंद सिंह अपनी व्यथा तो व्यक्त करते हैं लेकिन सार्वजनिक तौर पर अभी मौन हैं.परन्तु पार्टी आलाकमान के सामने अपनी नाराजगी तभी जाहिर कर दी जब नीतीश मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह से खुद को अलग रखा और उसी रोज जब राहुल गांधी कांग्रेस दफ्तर सदाकत आश्रम पहुंचे तो वहां भी वे अनुपस्थित रहे.
गौरतलब है कि राहुल कांग्रेस अब पार्टी की परम्पराओं के विपरीत चल रही है या चलाई जा रही है.यह परम्परा रही है कि विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद पहले विधायक दल के नेता का चुनाव होता है.इसके बाद ही आलाकमान की सहमति लेकर प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल के नेता मिलकर सरकार में शामिल होने व मंत्रियों की सूची पर निर्णय लेते हैं.लेकिन इस बार पहले आलाकमान की स्वीकृति लेकर मंत्रियों की सूची बनी.मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो गया तब एक घंटा बाद सदाकत आश्रम में राहुल गांधी ने सदानंद सिंह की अनुपस्थिति में उन्हें विधायक दल का नेता घोषित किया. इस प्रकार नई सरकार में जदयू विधान मंडल दल के नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव मंत्रिमंडल में दूसरे नंबर पर तो सरकार में शामिल कांग्रेस विधायक दल के नेता मंत्रिमंडल से बाहर.
कांग्रेस सूत्रों की माने तो कांग्रेस के बिहार प्रभारी सी पी जोशी के इशारे पर चल रहे राहुल गांधी बिहार में कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी को समझे बिना जिस तरह से निर्णय ले रहे हैं इससे अंतत: कांग्रेस का ही नुकसान है.