संवाददाता.पटना. जीतनराम मांझी की पार्टी हम का एनडीए से मोहभंग होने लगा है.दल के प्रदेश अध्यक्ष वृशिण पटेल ने कहा कि दल में सहमति बनी तो भाजपा का साथ छोड़ा जा सकता है. हमें मुसलमानों का वोट पाने के लिए रणनीति बनानी होगी. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी की हुई पहली बैठक में हार की समीक्षा के दौरान इसी विषय पर चर्चा भी हुई.हालांकि दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी एनडीए से हटने की संभावनाओं से इंकार करते हुए कहा ऐसा कोई बयान दल का अधिकृत बयान नहीं है.
बैठक के बाद प्रेस वार्ता में मांझी ने कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं की निजी राय है कि भाजपा के साथ जाने से अपेक्षा के अनुरूप मुस्लिम वोट नहीं मिला.अल्पसंख्यक मेरे साथ हैं,उन्हे भरमाया गया.आरक्षण को लेकर भी भ्रम फैलाया गया जिसकी गलत व्याख्या की गई. उन्होंने बताया कि आज की बैठक में राज्य के किसानों की समस्याओं पर चर्चा की गई. किसानों की समस्याओं व राज्य में बढते अपराध पर सरकार बहरी हो गई है. राजभवन मार्च कर राज्य की समस्याओं से राज्यपाल महोदय को अवगत कराया जाएगा.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में शामिल हम की करारी हार हुई.दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ही अपनी सीट बचा पाए. चुनाव के बाद हम की पहली बैठक में हार की समीक्षा की गई. हम के नेताओं के बयान से स्पष्ट है कि गठबंधन में दरार आ गई है.
बैठक के पूर्व हम के प्रदेश अध्यक्ष वृशिण पटेल ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन में होने के कारण चुनाव में हमें मुसलमानों ने वोट नहीं दिया. उन्होंने कहा कि यह बात साफ है कि एनडीए के साथ मुस्लिम वोटर नहीं रहेंगे. एनडीए के साथ रहने वाली पार्टी को इनके वोट से हाथ धोना पड़ेगा. हमें मुसलमानों के वोट पाने के लिए रणनीति बनानी होगी. वृशिण पटेल ने कहा कि अल्पसंख्यकों की खुशहाली के लिए रणनीति बनाई जाएगी. सबकी सहमति होगी तो भाजपा का साथ छोड़ा जा सकता है.
गौरतलब है कि भाजपा के साथ हम के रिश्ते चुनाव में मिली हार के बाद से ही खराब चल रहे हैं. हार के लिए हम (हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आरक्षण के मुद्दे पर भागवत के बयान को जिम्मेदार बताया था. उन्होंने कहा था कि मोहन भागवत ने गलत टाइम पर बयान दिया, जिसका लाभ महागठबंधन ने उठाया.इससे पूर्व चुनाव के समय भी जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह के बयान पर भाजपा को मुश्किल में डाल दिया था. मांझी ने कहा था कि वी. के. सिंह की सोच सामंतवादी है और उनके बयान की जितनी भी निंदा की जाए कम है.
उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी ने जदयू से बगावत कर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपने समर्थकों के साथ हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) नाम की पार्टी बनाई. एनडीए के साथ मिलकर हम चुनाव मैदान में उतरी. हम ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ एक सीट पर जीत मिल पाई.