प्रमोद दत्त
पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पिछले चुनाव में किंगमेकर की भूमिका निभाने के बाद अब अपने दोनों बेटों के लिए ट्रेनर की भूमिका निभा रहे हैं.बिना अनुभव के मंत्री बने उनके बेटों से कोई उल्टा-पुल्टा काम करवा कर उन्हें फंसा नही दे—इस चिंता में डूबे लालू प्रसाद अपने बेटों के सचेष्ट रहने की सलाह दे रहे हैं.
पिछले दिनों राजद विधायक दल की बैठक में अपने विधायकों को भी लालू प्रसाद इस तरह की सलाह दी.राजद के जीते लगभग 50 प्रतिशत विधायक पहली बार चुनाव जीते हैं इसलिए उन्हें भी सजग रहने की सलाह दी लालू ने. विधायकों से अधिक बेटों को लेकर लालू प्रसाद की चिंता स्वाभाविक है. दोनों बेटों को कम उम्र में ही बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है. तेजस्वी यादव तो उपमुख्यमंत्री के रूप में सरकार में दूसरे नंबर पर यानि महागठबंधन सरकार में राजद का नेतृत्व संभाल रहे हैं.
राजद सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद अपने दोनों बेटों को राजनीतिक दांवपेंच के साथ-साथ सरकारी कामकाज की भी ट्रेनिंग दे रहे हैं.उन्हें सचेष्ट रहने की सलाह देते हुए बता रहे हैं कि कोई साजिश के तहत उन्हें फंसाने के लिए उल्टा-पुल्टा काम भी करा सकते हैं.दोनों को यह भी निर्देश दे रहे हैं कि संचिकाओं का बिना अध्ययन किए न कोई आदेश दें और न आंख बंद कर कोई अनुशंसा करें.
प्रेक्षकों का मानना है कि लालू प्रसाद का भयभीत होना स्वाभाविक भी है.वे अपने अनुभवों के आधार पर अपने बेटों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.चारा घोटाला में फंसने,जेल जाने और फिर सजा मिलने के कारण लालू प्रसाद भ्रष्टाचार के प्रतीक बन गए और संसदीय(चुनाव) राजनीति से दूर हो गए.उनके साथ यह तब हुआ जब वे राजनीति व सरकार का काफी अनुभव ले चुके थे.जबकि उनके दोनों बेटों ने राजनीति में अभी अभी कदम रखा है.