संवाददाता. रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने नक्सल समस्या पर पुलिस की निष्क्रियता पर सरकार को फटकारा और डीजीपी पर सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य के डीजीपी नक्सल समस्या नहीं दूर कर सकते तो उन्हें वर्दी सरकार को वापस कर देनी चाहिए. काम नहीं करने पर वर्दी पहनने का उन्हें कोई हक नहीं है.
नक्सल हिंसा झेल रहे गुमला जिले में नक्सलियों द्वारा 35 बच्चों को उठा कर ले जाने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश बीरेंद्र सिंह और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार के काम करने के तरीके पर भी नाराजगी जताई.
सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को बताया कि गुमला में नक्सली 29 बच्चों को उठा कर ले गए थे. इसमें 12 बच्चों को वापस करा लिया गया है. 17 बच्चों की खोज चल रही है.इस पर चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 8 महीने से बच्चों को खोज रही है सरकार, फिर भी पता नहीं चल रहा है. इससे साफ होता है कि इस मामले में सरकार गंभीर नहीं है. चीफ जस्टिस ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रुक-रुक कर पुलिस अभियान चलाती है. ऐसा अभियान चलाने से क्या फायदा है जब नक्सल समस्या दूर ही नहीं हो रही है तो ऐसे अभियान को बंद कर देना चाहिए।.