निशिकांत सिंह
पटना.1990 से लगातार जीतनेवाले प्रेम कुमार को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया.विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए नंदकिशोर यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली.प्रमुख विपक्ष भाजपा के नेता के नाते प्रेम कुमार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता होगें. सुशील कुमार विधानमंडल दल के नेता बने रहेंगे.
पटना के मौर्या होटल के अशोका हाल में आज भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के विधायकों की बैठक आयोजित की गई जिसमें गया सदर से निर्वाचित विधायक डा. प्रेम कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया. प्रेम कुमार के नाम का प्रस्ताव निवर्तमान नेता नंदकिशोर यादव ने रखा जिसे सभी नवनिर्वाचतित विधायको ने समर्थन किया.
बैठक के बाद केंद्रीय प्रवेक्षक व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नंदकिशोर यादव एक जुझारू नेता है तथा उनके पार्टी में योगदान को देखते हुए उन्हे केंद्रीय टीम में जगह दी जायेगी. आज भले ही भारतीय जनता पार्टी हारी है लेकिन उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा नहीं है.
नेता चुने जाने के बाद विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता डा. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ गया है. भारतीय जनता पार्टी सरकार से इसका जबाब मांगेगी.उल्लेखनीय है कि प्रेम कुमार 1990 से लगातार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं.विगत चुनाव के दौरान उन्होंने सीएम पद की दावेदारी ठोकी थी.
इस अवसर पर विधानमंडल में दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि डा. प्रेम कुमार 1974 के आदोलन के सिपाही रहें है. वे आरएसएस से जुडे रहे है तथा पार्टी को पूरा भरोसा है उनपर. वो आजतक किसी भी चुनाव हारे नहीं है. पार्टी के उम्मीद पर खरे उतरेंगे प्रेम कुमार . अत्यंत पिछड़ा समाज से आने वाले डा प्रेम कुमार पार्टी के पक्ष को रखेंगे.