संवाददाता
पटना. विधानसभा चुनाव के पूर्व लालू प्रसाद से विद्रोह कर अपनी पार्टी बनाने और लालू-नीतीश को जमकर कोसने वाले मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव ने चुनाव में हार के बाद अपनी भूल स्वीकार कर ली है.जनाधिकार पार्टी बनाकर कई सीटों से अपने उम्मीदवार उतारने और करारी हार झेलने के बाद पप्पू यादव ने गलती स्वीकारते हुए कहा कि उन्हें नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के खिलाफ नहीं जाना चाहिए था.
उल्लेखनीय है कि पप्पू ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई सभाओं में कहा था कि अगर लालू के दोनों बेटे चुनाव जीत गए तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा. लालू के दोनों बेटों के चुनाव जीतने के बाद पप्पू ने अपने बयान पर खेद जताया है.पप्पू यादव ने चुनाव में मिली हार के बाद फेसबुक पर लिखकर अपनी भूल स्वीकार की है. उन्होंने लिखा है कि मुझसे जाने-अनजाने में की गई गलतियां हो गईं, जो अब मुझे कचोटती हैं. स्वीकारोक्ति तक मन को शांत नहीं मिलती. चुनाव प्रचार के दरम्यान दावे-प्रतिदावे किए जाते हैं. यह सच है कि मैंने चुनाव में लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों के हार की बातें कही थी. नहीं हारने की स्थिति में हमने राजनीतिक संन्यास तक की बातें कह दी थी. निश्चित तौर पर मेरा यह दावा अमर्यादित था. किसी भी राजनेता पुत्र के संबंध में ऐसी बातें मुझे नहीं कहनी चाहिए थी. अपने अमर्यादित दावे को लेकर मैं आहत हूं और आप सब से खेद व्यक्त करना आवश्यक है.
चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के सामाजिक-राजनैतिक आधार को हम सभी ठीक से नहीं पढ़ पाए. सोच के स्तर से वास्तविक आधार बहुत अधिक था. परिणाम, महागठबंधन की भारी जीत है. यह बात नतीजों से अब प्रमाणित है कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने एक-दूसरे के उम्मीदवारों को अपने आधार वोट का सफल स्थानांतरण कराया. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे की प्रत्येक स्तर पर हम सूक्ष्म विवेचना कर रहे हैं.