निशिकांत सिंह
पटना.बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बाद विपक्षी नेता के रूप में देश का सबसे प्रभावशाली, विश्वसनीय और सम्माननीय व्यक्तित्व बताया है। उन्होंने नीतीश और आरजेडी चीफ लालू यादव से मुलाकात की और दोनों को गले लगाकर बिहार में जबरदस्त जीत की बधाई दी। मुख्यमंत्री के घर के बाहर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मेरी दोनों नेताओं से इस मुलाकात को स्पोर्ट्समैन स्प्रिट के रूप में देखना चाहिए। नीतीश और लालू मेरे बहुत पुराने और अच्छे दोस्त हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मेरी पार्टी के अन्य दूसरे नेताओं ने भी यही किया है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नीतीश का ट्रैक रिकाॅर्ड बहुत अच्छा है। जनता ने बिहार में बेहतर कानून व्यवस्था, राज्य की प्रगति और सुशासन के आधार पर नीतीश का साथ दिया। चुनाव नतीजा इस बात को साबित करता है कि बिहार में नीतीश का ही प्रभाव है और राज्य की प्रगति व सुशासन में उनका बड़ा योगदान रहा है। लोगों ने बिहार का मुख्यमंत्री बिहारी हो, इसके लिए अपार जनसमर्थन दिया।
शॉटगन ने कहा कि बिहार में पार्टी की हार की मुझे आशंका तो थी, लेकिन हार इतनी बुरी तरह की होगी इसकी कल्पना नहीं की थी। बिहार में भाजपा की करारी हार के लिए जो लोग जिम्मेवार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। या कम से कम इस हार के कारणों से सबक जरूर लेना चाहिए। सांसद आरके सिंह ने हार की समीक्षा और हार के लिए जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता जताई है। मैं उनके विचारों से सहमत हूं।
भाजपा सांसद ने इस सवाल पर कि भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में आप पर कार्रवाई का फैसला हो सकता है, इसपर कहा कि मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है। वैसे अगर कोई कार्रवाई की बात भी है तो मैं हाथ पकड़कर उसे रोक थोड़े ही सकता हूं। मैं भाजपा में उस समय से हूं, जब हमारे सांसदों की संख्या दो थी। आज संसद में पूर्ण बहुमत है। भाजपा मेरी पहली तथा आखिरी पार्टी है। जब तक पार्टी में हूं, पार्टी का आदेश मेरे लिए अध्यादेश है।
भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि चुनाव में उनकी हार का कारण आरएसएस प्रमुख का आरक्षण पर दिया गया बयान रहा। उन्होंने पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पर कार्रवाई की मांग की और कहा कि इनका क्या वोट आधार है? इनका कामकाज पार्टीहित में नहीं है। ये हमें नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कुत्ता के नीचे गाड़ी चलता है तो उसे लगता है कि लगता है कि गाडी उसके भरोसे चल रही है. हार गए तो तो जो मौन व्रत रखे थे वे बोलने लगे . हार जीत चलती रहती है, लेकिन हार –जीत के बाद आपका आचरण कैसा है , इससे व्यक्ति की पहचान होती है. सबके आचरण दिखाई दे रहे है चाहे शत्रुधन सिन्हा हो या फिर कोई और।