पप्पू यादव की रणनीति

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अभिषेक,पटना.राजद से निकाले जाने के बाद पप्पू यादव लगातार लालू यादव और नीतीश कुमार के आग उगल रहे हैं और उन्हें पिछड़ों और दलितों का मुखालफत करने वाले नेता करार दे रहे हैं। अपनी नई नवेली पार्टी जन अधिकार मोर्चा के जरिये वह पिछड़ों और दलितों को ही गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। कितने सीटों पर वह अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे यह तो अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना तय है कि वह प्रत्यक्ष रूप से लालू और नीतीश के महागठबंधन को ही नुकसान पहुंचाएंगे। कहा जा सकता है कि पप्पू यादव, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के लिए सिरदर्द बने हुये हैं। राजद खेमे में तो पप्पू यादव को गद्दार तक कहा जा रहा है। बिहार विधान सभा चुनाव में पप्पू यादव की सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी को स्थापित करने की है। इसलिए भाजपा और जीतन राम मांझी के प्रति सॉफ्ट कॉनर्र रखते हुये वह आगे बढ़ रहे हैं। यदि सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में घमासान मचता है तो पप्पू यादव की यह पूरी कोशिश होगी कि एनडीए और महागठबंधन से इतर एक नया गठबंधन तैयार किया जाये।

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