कृतिका सिंह
डिस्को में मस्ती का आलम कुछ अजीब होता है. धीमी रोशनी, मस्त संगीत, शराब का सुरुर, ड्रग्स का असर, बेकाबू होते देह व दिमाग और थिरकते- थिरकते एक दूसरे से टकराते शरीर.भला इस मौजा-मस्ती और स्वच्छंदता से कौन युवा दूर रहना चाहेगा. तभी तो डिस्को जाना और आधी रात को वापस आना आजकल के युवाओं का नया ट्रेंड बन चुका है.
यही कारण है कि पटना जैसे शहर में भी डिस्को की संख्या लगातार बढती जा रही है. पटना के कई डिस्को का नाम युवाओं की जुबान पर प्रचलित है. शगल इस तरह हावी है कि हर तबके के लोग इसका आनंद उठाना चाहते हैं. खासकर युवा तो हर कीमत पर डिस्को की रंग-बिरंगी दुनियां का मस्ती उठाना चाहते है.
लड़के तो अल्हड़ की तरह डिस्को पहुंच जाते हैं. उनमें केयरलेस ब्यूटी का क्रेज होता हैं. परन्तु लड़कियां डिस्को जाने की तैयारी वैसे करती हैं जैसे किसी विशेष पार्टी या समारोह में जाना है. इस तैयारी का मकसद डिस्को में गये लड़कों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना होता है. अपने मकसद में कामयाब होने के लिए वो अक्सर शरीर को प्रदर्शित करनेवाले कपड़ों का चयन करती हैं.भड़काऊ मेकअप और स्टाइलिश लुक अपनाती हैं. नशे की आदी हो या नहीं मॉर्डन दिखने के चक्कर में वो नशेड़ी भी बन जाती हैं. दुपट्टा सरकाना या बिना दुपट्टा के दिखना तो उनका शगल ही होता है.कहते हैं, इन डिस्को में लड़कियों के लिए सिर्फ वन पीस ही अलाउ है.
डिस्को का नशा आजकल हर युवा पर छाया हुआ है. आश्चर्य तो यह है कि इस का लुत्फ उठाने में नवीं और दसवीं के छात्र भी पीछे नहीं हैं.डिस्को का नाम सुनते ही उनकी आंखें चमक जाती है और उनका मन उस लुत्फ को उठाने के लिए मचल उठता है. इसके लिए अपने दोस्तों को भी शामिल करते हैं. फिल्मों के समान लड़कियों को भी अपने साथ ले जाकर इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं.नेट के जरिए तथा अपने से बड़े युवाओं के जरिए जानकारी प्राप्त करते रहते हैं. ऐसे मामलों में आजकल की लड़कियां भी पीछे नहीं हैं. उन्हें लड़कों से कदम मिलाकर चलने की इतनी बेचैनी है कि वह इस मौज-मस्ती में शामिल हो जाती हैं. यही कारण है कि डिस्को में लड़कियों की अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा होने लगी है.
लड़कियों की भीड़ जुटाकर अपने व्यवसाय में मुनाफा के उद्देश्य से डिस्को में लड़कियों की इंट्री फ्री कर दी गई है. यही कारण है की लड़कियों की भीड़ अक्सर देखी जा सकती है. लड़कियां सिर्फ डिस्को जाने की शौकिन नहीं होती बल्कि शराब पीने में भी पीछे नहीं रहती हैं.
डिस्को आजकल के युवाओं को हमारी संस्कृति -सभ्यता दूर ले जा रहा है.पटना के युवाओं के सामने मुबंई-दिल्ली जैसे महानगरीय संस्कृति के समान स्वच्छंदता के साथ शराब ,ड्रग्स और लड़कियां परोसे जा रहे हैं. आज जहां हर स्टेट को ड्राई स्टेट करने की मांग की जा रही है.वहीं पटना में रोज-रोज नए डिस्को-बार खोले जा रहे हैं. बदलते समय के साथ पश्चिमी सभ्यता की ओर रुझान तथा नए तौर तरीकों को अपनाने की होड़ ने कम्र उम्र से ही युवाओं में भटकाव हो रहा है.एक ओर जहां अभिभावक इससे अंजान है वहीं सरकार तथा आला अधिकारियों ने जानबुझ कर आंखो पर पट्टी बांध ली है.