अभिषेक,पटना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित विशेष पैकेज के समानान्तर लंबी लकीर खींचने के प्रयास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगले पांच साल के लिए 2.70 लाख करोड़ की योजनाएं का वादा किया है. इसे ‘नीतीश निश्चय रू विकास की गारंटी, विकसित बिहार के सात सूत्र’ का नाम दिया गया है.
पिछले सप्ताह प्रेस वार्ता कर नीतीश कुमार ने घोषित योजनाओं का प्रारूप पेश किया. इसमें महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण, युवाओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता, विश्वविद्यालय और कॉलेजों में मुफ्त में वाईफाई की सुविधा, हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना, हर गांव को पक्की सड़क और 2016 के बाद पांच साल में हरेक घर तक मुफ्त बिजली कनेक्शन पहुंचाने का आश्वासन है.इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब उनका व्यक्तिगत चिंतन के आधार पर तय किया गया है. जनता ने मौका दिया तो इसे पूरा करूंगा.
साथ ही साथ नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि वे मुख्यमंत्री या जदयू के नेता के रूप में ये घोषणाएं नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रूप में लगता है कि अगले 5 साल में यही काम किए जाने चाहिए. अगर बिहार के लोगों ने फिर से काम करने का मौका दिया तो इन योजनाओं को पूरा करेंगे.हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इतनी बड़ी राशि का इंतजाम कहां से होगा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पुरानी योजनाओं को भी अपडेट करेंगे. बिहार में युवा आबादी सबसे अधिक है. हमें शिक्षा, रोजगार के अवसर और कौशल विकास पर ध्यान देना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए नीतीश ने कहा कि हम पैकेज की घोषणा नहीं करते. पैकेज घोषित करना उनलोगों का काम है जिनको बोल कर निकल जाना है. असल में कुछ देना नहीं है. ना पार्टी, ना सरकार और ना गठबंधन, यह मेरा कमिटमेंट है. वैसे गठबंधन के भी नेता तो हम ही हैं. राज्य के युवा पढ़े, आगे बढ़े और रोजगार पाएं. उनको (नमो) इतना बता देना चाहते हैं कि इसे पूरा करने के लिए आपके पास पैकेज मांगने नहीं आएंगे.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश जनता को झांसा दे रहे हैं. चुनाव घोषित होने में 10 दिन बचे हैं तो वे नए-नए वादे कर रहे हैं. सवाल है कि 10 साल मुख्यमंत्री रहते इन्हें क्यों नहीं पूरा किया.
अब बिहार की जनता नमो के पैकेज और नीतीश के वादों की तुलना करने में लगे हैं.देखना दिलचस्प होगा कि लंबी लकीर खींचने या दूसरे की लकीर को छोटा करने की होड़ में कौन बाजी मारता है.