वर्षों तक कांग्रेस के प्रतिबद्ध और समर्पित सिपाही रहे लेकिन 2015 के चुनावी रणभूमि में जाने से पहले ही कांग्रेसी हथियार का इन्हें त्याग करना पड़ा. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रहे रामजतन सिन्हा आज अकेले ही चुनावी रणक्षेत्र में डटे हैं.निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर इन्होंने कुर्था विधान सभा क्षेत्र से अपना परचा दाखिल कर दिया है.लेकिन वो अपने आपको अकेला और किसी से कमजोर नहीं मानते . उनका दावा है कि कुर्था हमारा गृह क्षेत्र है और वहां हमसे आगे कोई नहीं.कांग्रेस छोड़ने, निर्दलीय चुनाव लड़ने के साथ साथ राजनीति से जुड़े विभिन्न मुद्दे पर मुकेश महान ने इनसे लंबी बातचीत की . यहां प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश ….
.चुनाव के ऐन पहले कांग्रेस छोड़ कर निर्दलीय बनने की नौबत क्यों आन पड़ी?
-इस चुनाव में कांग्रेस में रहते हुए हमारे पास मात्र एक विकल्प बचा था और वह था चुनावी राजनीति से संन्यास मतलब रिटायरमेंट .मैंने इस विकल्प को नहीं चुना . मैं महसूस करता हूं कि अभी मुझमें काफी दम खम है हमारे साथियों और समर्थकों में काफी जोश और उत्साह है .इससे भी बड़ी बात है कि प्रोफेशल रिटायरमेंट के बाद जनता की सेवा करने की जो इच्छा और मकसद था हमारा उसे पूरा करने के लिए हमें चुनावी राजनीति जाना ही था,लेकिन कांग्रेस में रह कर मेरे लिए ऐसा करना मुश्किल हो गया था.यही कारण था कि मुझे कांग्रेस छोड़ना पड़ा. कांग्रेस में रह कर हम चुनाव नहीं लड़ सकते थे.अब हम चुनाव लड़ रहें हैं.
.आखिर ये स्थितियां क्यों बनी?
-हम कह नहीं सकते.बस ये बता सकते हैं कि पिछले कई चुनावों में कांग्रेस ने कई टिकट बांटे लेकिन हमारे लिए कांग्रेस के पास कोई टिकट ही नहीं होता है.
.मतलब….
-मतलब सीधा है कि कांग्रेस ने मेरी उपेक्षा की ,लगातार मुझे अपमानित किया. शायद कांग्रेस को रामजतन सिन्हा की जरुरत नहीं थी फिर वहां रहकर चुनावी राजनीति से रिटायरमेंट लेने से बेहतर था कि मैं खुद ही उससे अलग हो जाउं.और मैंने वही किया .
.अब कैसा महसूस कर रहे हैं आप?
-अभी कुछ भी महसूसने की फुरसत कहां, लेकिन ये जरुर है कि एक तसल्ली है, सकुन है कि अब हम अपने बल पर चुनाव जीतेंगें और जनता की सेवा कर पाएंगे.
.आपने इसके पहले मखदुमपुर, जहानाबाद और कुम्हरार से भी चुनाव लड़ चुके हैं अबकी बार कुर्था क्यों?
-कुर्था हमारा गृहक्षेत्र है. यह भी सच है कि मखदुमपुर से हम जीत भी हासिल करते रहें हैं, लेकिन मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र अब सुरक्षित क्षेत्र हो चुका है इसलिए हमें क्षेत्र बदलना पड़ा.
.आपका ननिहाल भी इसी क्षेत्र में है, इसका भी प्रभाव आपके पक्ष में पड़ेगा?
-हां बिल्कुल पड़ेगा, पड़ना भी चाहिए. अगर आप सही हैं लोग आपको सच्चा और इमानदार के तौर पर देखते- समझते हैं और उपर से क्षेत्र और रिश्ते का बंधन हो तो उम्मीदवार को अतिरिक्त लाभ तो मिलता ही है. मुझे भी उम्मीद है कि इस चुनाव में मुझे इस तरह का विशेष लाभ मिलेगा .
.क्या स्थिति है आपकी,आपके क्षेत्र में?
बहुत बढिया .अगर नामांकन को आधार बना कर हम बात करें तो इससे बेहतर स्थिति हो ही नहीं सकती. विधान सभा क्षेत्र के हर इलाके से जुटी भारी भीड़ ने हमारा मनोबल बढाया है. हमारे कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है.मुझे लगता है कि हमारे राजनीतिक जीवन की यह बड़ी पूंजी है.
.आपके साथ या आप जैसे कांग्रेसजनों के साथ जो कांग्रेस कर रही है क्या लगता है आपको कांग्रेस किधर जा रही है?
-देखिए अब मुझे इसपर कुछ खास और अलग से कहने की जरुरत नहीं है. कांग्रेस की स्थिति सभी देख दृसमझ रहे हैं. बिहार के सभी पुराने और वफादार कांग्रेसी नेता अब कांग्रेस से बाहर हैं.जनाधार वाले नेता अब बिहार कांग्रेस में दिखते ही नहीं.दरअसल पार्टी में लीडरशिप नाम की कोई चीज रह ही नहीं गई है. जाहिर है बिहार कांग्रेस अभी सही हाथों में नहीं है.
.अगर आप जीत हासिल करते हैं तो हाउस में आपकी भूमिका क्या होगी?
-हाउस में मैं अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करुंगा. हमारेक्षेत्र के लोग जानते हैं हमें. हमारा प्रतिनिधित्व कोई और कहीं से भी कमजोर नहीं होगा.क्षेत्र के विकास के लिए ही हम हाउस पहुंचने की लड़ाई लड़ रहे हैं.अपने सामर्थ्य भर मैं पूरी कोशिश करुंगा. सरकार की सारी योजनाओं का सही तरीके से कार्यान्वयन करवाने की मेरी कोशिश होगी ताकि जनता को उनका लाभ मिल सके.
.थोड़ा और स्पष्ट करेंगे कि जीत के बाद आप किसके साथ होंगे,महागठबंधन या एनडीए के साथ?
-ये अभी कह नहीं सकता . जीत के बाद की स्थिति पर बाद में चर्चा करेंगे .अभी तो चुनाव पर और चुनाव जीतने पर ध्यान देना है .
फिर भी …,कुछ तो ध्यान में होगा, किसी के पक्ष में तो माइंडसेट तैयार हो रहा होगा?
-नहीं अभी ऐसी कोई बात नहीं है . लेकिन इतना तय है कि जो भी हमारे क्षेत्र के विकास में भागीदारी दिखाएगा हम उसी के साथ होंगे.
.इस विधान सभा चुनाव के नतीजे को आप अभी किस रुप में आंकते हैं?
-नहीं, अभी इस पर कुछ भी कहना ठीक नहीं है, अभी काफी उथल पुथल है. मेरा अभी कुछ भी कहना मेरे लिए ठीक नहीं है.
.आपके विधानसभा क्षेत्र की समस्या क्या है मतलब क्या मुद्दा लेकर आप चुनाव में जा रहे हैं?
– दुर्भाग्य से हमारे क्षेत्र में विकास अब तक हुआ ही नहीं है.बिजली को लेकर सरकार इतना शोर शराबा करती रही और अपनी उपलब्धि गिनवाती रही है लेकिन हमारे यहां बिजली अभी भी समस्या बनी हुई है. इसके कारण छात्रों की पढाई तो बाधित होती ही है खेती किसानी भी गड़बड़ा जाती है .दूसरी बड़ी समस्या है यातायात . क्षेत्र में यातायात की व्यवस्था भी चरमराई हुई है. तीसरी बड़ी समस्या है कि क्षेत्र में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है. इससे खेती की जमीन होने के वाबजूद किसान या ग्रामीण उसका फायदा नहीं उठा पाते हैं .चुनाव में हम इन्हीं समस्याओं पर फोकस करेंगे . हमारा मूल मुद्दा यही होगा . इसके साथ और भी कई मुद्दे और समस्याएं है जिसे हम जनता के बीच लेकर जाएंगे.
.जीत के बाद आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
– स्वाभाविक रुप से क्षेत्र का विकास. इसके लिए हमें क्षेत्र से छोटी बड़ी समस्याएं दूर करनी होंगी. मैं हमेशा से जमीन से जुड़ा रहा हूं .हमारा सारा समय क्षेत्र और क्षेत्र की जनता के लिए होगा .
.आपका चुनाव प्रचार का तरिका क्या होगा.आजकल कुछ नया ट्रेंड चल पड़ा है मसलन सोशल मीडिया वगैरह?
-हां, आजकल सोशल मीडिया कुछ ज्यादा ही सक्रिय है . हम भी प्रचार का हर सही तरीका इस्तेमाल करेंगे जनता तक पहुंचने के लिए .