अब तक नहीं मिला नवरूणा का सुराग

3084
0
SHARE

KHAAS KHABAR 2

 अभिषेक, मुजफ्फरपुर. सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा नवरूणा की किडनैपिंग के 3 साल बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है. पिछले सप्ताह नवरूणा की मां ने पटना पहुंच कर सीबीआई से जल्दी से न्याय करने की गुहार लगाई. इस मामले में सीबीआई पिछले 19 महीनों से जांच कर रही है लेकिन अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ है. उल्लेखनीय है कि मुज़फ़्फ़रपुर में 7वीं कक्षा की छात्रा नवरूणा का अपहरण 18 सितंबर, 2012 को उसके घर से ही हुआ था जब वो सोई थी.घर से खिड़की का रॉड तोड़कर नवरूणा को किडनैप किया गया था.

शुरुआत में पुलिस ने इसे प्रेम-प्रसंग का मामला माना. इसलिए अनुसंधान के नाम पर बस खानापूर्ति करती रही. मामला जब सुर्खियों में आया तब पुलिस के कार्रवाई तेज की लेकिन तब तक काफी देर हो चुका था. पुलिस की उदासीनता का आलम यह था कि नवरूणा जिस बिस्तर पर सोई थी, वो गीला था. परिजनों का दावा था कि अपहरण होने की वजह से ऐसा हुआ है लेकिन पुलिस का मानना था कि बारिश होने की वजह से बिस्तर भींग गया था. पुलिस अगर सही समय पर फोरेंसिक जांच करवाती तो रहस्य सामने आ सकता था.

इस कांड की जांच तीन एजेंसियों से करवाई गई. शुरूआती दौर में स्थानीय पुलिस से जांच करवाई गई लेकिन 1 साल तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने एवं पुलिस पर उंगली उठने के कारण जांच सीआईडी को सौंप दिया गया. लगभग 10 महीनें के सीआईडी जांच में भी कोई कारण सामने नहीं आ पाने कारण फिर से जांच एजेंसी में बदलाव कर जांच सीबीआई को सौंप दिया गया. फरवरी 2014 से अब तक सीबीआई जांच कर रही है लेकिन वो भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है.  नवरूणा की मां का दावा है कि उनकी बेटी के अपहरण की जांच में देरी सिर्फ पुलिस और सीआईडी के उदासीन रवैये की वजह से हुई है. पुलिस को जो नाम हमने दिए थे अगर उनपर कार्रवाई होती तो आज तक यह मामला अधर में नहीं रहता. वहीं नवरूणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती का मानना है कि पुलिस व सीआईडी की तरह ही सीबीआई में भी अब ट्रांसफर का दौड़ चल रहा है. नवरूणा कांड के जांच पदाधिकारी आरपी पांडेय के वीआरएस लेने के बाद अब एसपी राजीव रंजन का तबादला कर दिया गया. सीबीआई जांच की जो गति है, उससे आश टूटने लगी है. जरूरत पड़ी, तो जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

हालांकि इस मामले में 3 लोगों की गिरफ्तारी भी तब हुई थी. नवरूणा के पड़ोसी और उसके पिता के पट्टीदार की गिरफ्तारी संदेह के आधार पर हुई थी. साथ ही नवरूणा की जांच कर रही सीबीआई को तीन पुलिसकर्मियों पर संदेह है.

अब तक की सीबीआई की तफ्तीश में जो बातें सामने आई हैं उसमें भूमि माफियाओं पर शक हो रहा है साथ ही इस पूरे मसले पर सीबीआई नेताओं पर भी कड़ी नजर रखी हुई है. उल्लेखनीय है कि चक्रवर्ती परिवार ने तीन करोड़ रुपए में जमीन का सौदा मुकेश ठाकुर और उसके दो सहयोगी जमीन कारोबारियों के साथ तय किया. 30 जनवरी 11 को अतुल्य चक्रवर्ती ने अपने हिस्से की जमीन का सौदा 1.15 करोड़ में मुकेश ठाकुर के साथ किया। चक्रवर्ती परिवार के 6 सदस्यों ने 2.75 करोड़ में बाकी हिस्से का सौदा किया. इस कांड की जड़ में इसी भूखंड को माना जा रहा है.

LEAVE A REPLY