नई दिल्ली. केन्द्र सरकार ने गुरुवार को राज्य सभा में रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) बिल पेश कर दिया. केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने बिल पेश किया जिसपर बहस जारी है.संसद के बाहर जहां धोखाधड़ी करनेवाले बिल्डरों में मायूसी है वहीं एक घर का सपना देख रहे सामान्य उपभोक्ताओं के चेहरे पर खुशी है. क्योंकि इस बिल के पास होने के बाद बिल्डरों पर लगाम कसेगा वहीं उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
क्योंकि इस बिल में निम्न प्रावधान किए गए हैं—-
—हर राज्यों में रियल एस्टेट रेग्युलर नियुक्त होंगे जो सभी प्रोजेक्ट पर नजर रखेगें.इनके पास उपभोक्ता सीधे शिकायत कर सकेगें
–रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी.बिल्डर को अपने साइट पर पूरी जानकारी अपडेट रखनी होगी.
–उपभोक्ता से लिए पैसे को 15 दिनों के अंदर बैंक में जमा करना होगा.इसका 70 प्रतिशत उसी प्रोजेक्ट पर खर्च करना अनिवार्य होगा.
–पजेशन में देरी होने या बिल्डर के दोषी पाए जाने पर देना होगा जुर्माना.धोखाधड़ी पर बिल्डर को तीन साल की सजा भी हो सकती है.
–अब बिल्डर को सुपर एरिया पर नहीं बल्कि कारपेट एरिया पर कीमत तय करनी होगी.
–प्रोजेक्ट एरिया 1000 वर्ग मीटर से कम कर 500 वर्ग मीटर कर देने से इस कानून के दायरे में छोटे बिल्डर भी आ जाएगें.