संवाददाता.पटना.आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा “ कोरोना संकट से देश को उबारने के लिए नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में न केवल 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा में मनरेगा के लिए अलग से 40 हजार करोड़ घोषणा की गयी जिसके बाद मनरेगा में मद में दी गयी राशि बढ़कर कुल 1 लाख 1 हजार करोड़ रु हो चुकी है. इन रुपयों से नये कार्य दिवसों का सृजन किया जाएगा, जिससे गांवों में किसी को भी मनरेगा के तहत मजदूरी मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी.
इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में कक्षा 1 से 12 के बच्चों के लिए ई-विद्या कोर्स की शुरुआत की गयी है, तथा साथ ही भारत की टॉप 100 यूनिवर्सिटी को अपना ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की अनुमति दे दी गयी है. इससे सबसे ज्यादा बिहार के बच्चों को होगा. गौरतलब हो कि बिहार के लगभग 13 सौ करोड़ रु केवल बच्चों की शिक्षा पर खर्च होते हैं. इन ऑनलाइन कोर्सों से पढाई के लिए बाहर जाने वाले बच्चों व उनके माता पिता को काफी मदद मिलेगी, बच्चे बिहार में रह कर ही इन कोर्सों का लाभ उठा सकते हैं. इसी तरह कॉरपोरेट सेक्टर में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की कर्ज सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिया गया है वहीं अगले एक साल तक किसी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं करने का ऐलान भी किया गया है. इससे उन व्यवसायियों को काफी मदद मिलेगी जिनकी फैक्ट्रियां कोरोना के कारण बंद पड़ी हुई हैं और जो संकट के कारण नुकसान झेलने को विवश हैं.”
डॉ जायसवाल ने कहा “ संकट के समय देश के किसानों, गरीबों, मजदूरों, छोटे उद्यमियों, कॉरपोरेट जगत आदि विभिन्न क्षेत्रों को इस सरकार ने जो आर्थिक मदद दी है, वह पूरे विश्व के समक्ष एक उदहारण है. यह दिखाता है कि किस तरह राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए इतनी विषम परिस्थिति का भी सदुपयोग किया जा सकता है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ इन घोषणाओं के बाद जो प्रवासी बिहार में वापस आ रहे हैं उन्हें इन योजनाओं के तहत मनरेगा में शामिल होने, अपने स्किल के हिसाब से आगे बढ़ने में, और खेती-किसानी से जुड़े लघु कुटीर उद्योगों जैसे डेयरी, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय खुद से प्रारंभ करने में सहायता मिलेगी. छोटे-छोटे किसानों के लिए कृषि संबंधित अन्य व्यवसायों के मार्ग खुलेंगे. वास्तव में यह किसानों, छोटे व्यवसायियों व अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के इच्छुक युवाओं के लिए सबसे सही समय है कि अपना ध्यान खेती के साथ-साथ से कृषि आधारित उपक्रमों व अन्य उद्योगों पर लगाएं. प्रधानमन्त्री श्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों व नागरिकों की एकजुटता से कोरोना महामारी के बावजूद भारत एक स्वस्थ, सुंदर विकसित और आत्मनिर्भर देश के तौर पर विश्व पटल पर छा जाएगा.”