संवाददाता.पटना.देश-दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली घटना होगी जब आगामी 12 जनवरी को राजधानी पटना में सवा लाख पंच-सरपंच स्तरीय जनप्रतिनिधि तथा कर्मी महामहिम राज्यपाल को अपना सामुहिक इस्तीफा सौंपेगें। बिहार में ग्राम कचहरी पंचायती राज नामक व्यवस्था को बंद करने की अपील करेंगे। क्योंकि बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के अनुसार नहीं हो रहा है गांधी जी का सपना साकार।
यह जानकारी बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वर्ष 2006 से अब तक विधिवत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का चुनाव तो कराया जाता रहा पर पिछले 17 वर्षों से सरकार शासन प्रशासन द्वारा राज्य के लगभग 80% आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले इमानदार सच्चे पंच सरपंच उपसरपंच तथा कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और अपमानित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब तक दर्जनों पंच परमेश्वर की निर्मम हत्या हुई और सैकड़ों पर झूठे मुकदमे चलाऐ जा रहे हैं। सुविधा सहयोग के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता है। साल के 365 दिन 24 घंटा जनता जनार्दन के दुख-सुख में सेवा करने वालों का बिहार में बहुत बुरा हाल है। पंच परमेश्वर ने माननीय अनुमंडल, व्यवहार आदि न्यायालयो का भी बोझ काफी कम किया है पर शासन प्रशासन सत्ताधारी हो या प्रतिपक्ष सभी ने केवल झूठा आश्वासन और घोषणा की। जमीनी हकीकत शुन्य है। ग्राम कचहरी के लगभग डेढ़ लाख प्रतिनिधि कर्मीगण लोकतांत्रिक पद्धति से लगातार सूबे के ग्राम कचहरियों को सवसुविधा संपन्नता हेतु 11 सूत्री मांगों के समर्थन में प्रखंड,जिला,अनुमंडल, प्रमंडल एवं राज्य स्तर पर आंदोलन तथा अनुनय विनय करते रहे हैं।
श्री निराला ने कहा कि आज पुनः अंतिम बार माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री पंचायती राज विभाग को मांगों का ज्ञापन समर्पित कर स्पष्ट रुप से कहा कि 31 दिसंबर 2023तक मांग पूरा नहीं होता है तो हम सभी 12 जनवरी 2014 को पटना पहुँच कर सामूहिक त्यागपत्र सौप देगें। तथा झुठे नेताओं से क्षमा मांग लेगें। जनता जनार्दन का सेवा करते रहेंगे। जो लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे बड़ा और अंतिम घटना क्रम होगा।