नॉबेल पुरस्कार प्राप्त मदर टरेसा ने नर्सिंग की ट्रेनिंग पटना स्थित त्रिपोलिया अस्पताल में ली थी. ट्रेनिंग के बाद वो कोलकाता चली गईं.त्रिपोलिया अस्पताल में आज भी उनकी यादें सुरक्षित है.पादरी की हवेली स्थित गिरजाघर के अहाते में मदर टरेसा द्वारा संचालित बच्चों,बूढे व अपाहिजों का आश्रम आज भी चल रहा है.