निशिकांत सिंह.पटना. गंगा नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि को देखते हुए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण के उपरान्त आहूत उच्च स्तरीय बैठक में निदेश दिया गया कि बाढ़ प्रभावितों के बीच चलाए जा रहे राहत कार्य में तेजी लायी जाए।
पटना, सारण, वैशाली जिले का हवाई सर्वेक्षण विगत 15 अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के साथ किया. हवाई सर्वेक्षण के उपरान्त मुख्य मंत्री ने निदेश दिया कि दिनांक 17.08.2016 को प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला पदाधिकारी, वैशाली एवं पटना तथा जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख के साथ उन क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करें. उक्त आदेश के अनुशरण में प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित पदाधिकारियों के साथ उक्त क्षेत्रों का आज हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण से स्पष्ट हुआ कि मनेर, दानापुर, राघोपुर एवं बख्तियारपुर के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है तथा कुछ गाँव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं.
हवाई सर्वेक्षण के उपरान्त इन दोनों जिलो के बाढ़ प्रभावित गाँवों के नागरिकों की मदद हेतु एनडीआरएफ की टीमों को राहत सामग्री एवं मनुष्य तथा पशुओं के चिकित्सा दलों के साथ भेजने का निदेश दिया गया है. साथ ही यह भी निदेश दिया गया है कि बाढ़ से प्रभावितों को यथा संभव सुखा राशन दिया जाए एवं जो राहत केन्द्रों में आना चाहते हैं उन्हें राहत केन्द्रों में लाया जाए जहाँ उन्हें पका भोजन के साथ आवश्यक सुविधाएँ देने की व्यवस्था की जाए. वर्तमान में मनेर तथा बख्तियारपुर में राहत केन्द्र कार्यरत है, जहाँ पर बाढ़ पीड़ितों को पका भोजन दिया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त बाढ़ से प्रभावितों के बीच हैलोजन टैबलेटस वितरण का निदेश दिया गया है, ताकि उन्हें दूषित पानी नहीं पीना पड़े. पूर्व से ही सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नावों का परिचालन शाम 5.30 बजे के बाद बंद करने का निदेश सभी संबंधित जिला पदाधिकारी को दिया गया है. बच्चे तथा युवा जो ऊँचे स्थान से बाढ़ से उफनायी हुई नदी में कूदने का दुःसाहस करते हैं को रोकने का निदेश भी सभी संबंधित जिला पदाधिकारी को दिया गया है तथा इस हेतु महत्वपूर्ण घाटों पर पुलिस की तैनाती करने तथा इसका प्रचार-प्रसार करने का निदेश भी दिया गया है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार सरकारी नावों का परिचालन करने का भी निदेश सभी संबंधित जिला पदाधिकारी को दिया गया है.