संवाददाता.रांची.जल संरक्षण के लिए जनभागीदारी बहुत जरूरी है. केवल सरकार के स्तर पर यह संभव नहीं है. हमें पानी की समस्या का अभास पहले ही हो गया था. इसलिए सरकार ने 15 जून तक पूरे राज्य में एक लाख डोभा खोदने और 2000 तालाबों के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया है. 15 जुलाई से पूरे राज्य में एक करोड़ पेड़ लगाने का अभियान शुरू किया जायेगा. जल संरक्षण पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उक्त बातें कहीं. मुख्यमंत्री बीएनआर चाणक्या में आयोजित जल संरक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहें थे. उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए सरकार शहर से लेकर गांव तक अभियान चला रहीं है. सरकार का एक ही नारा है शहर का पानी गांव में और गांव का पानी खेत में . इस वर्ष मानसून का पानी किसी भी हाल में बहकर नदी नालों में जाने नहीं दिया जाएगा. सरकार के साथ समाज और आम नागरिक भी इससे जुड़ेगे तो उद्देश्य सफल होगा. यहां लातूर जैसे हालात नहीं बनेंगे.
इस अवसर पर जल पुरूष राजेंद्र सिंह ने कहां कि राजस्थान सुखाग्रस्त क्षेत्र था. इसके बावजूद वहां पर सिरिज चेक डेम बनाकर पानी को रोका गया. उसी तरह झारखंड सरकार को भी पानी बचाना होगा. वाटर बॉडी को अतिक्रमण से बचाने के लिए सख्त कानून बनाने के लिए किस तरह की संरचना की जरूरत है. उसका पता लेंगे. मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह सहित विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने पानी बचाने के लिए किए जा रहें प्रयासों की जानकारी दी कार्यक्रम में आए विभिन्न राज्यों के एक्सपर्ट ने पानी बचाने के प्रयासों और संरचना के निर्माण पर प्रजेंटेंशन दिया.