तेजस्वी-पप्पू आमने-सामने:निगाहें कहीं तो निशाना कहीं और

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प्रमोद दत्त.
पटना.राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार पप्पू यादव आमने-सामने हो गए हैं.दोनों एक-दूसरे पर प्रहार कर रहे हैं.दोनों के बयान एक दूसरे पर कम,पूर्णियां के मतदाताओं दिया जा रहा चुनावी संदेश अधिक है.दोनों की निगाहें कहीं है तो निशाना कहीं और ही है.
लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को किसी तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं. भविष्य में तेजस्वी के सामने चुनौती देने वाला राज्य की राजनीति में कोई नहीं उभरे इसीलिए पप्पू यादव और कन्हैया कुमार जैसे नेताओं को उन्होंने निपटा दिया.अगर चिराग पासवान एनडीए से बाहर आ जाते और महागठबंधन का हिस्सा बनते तो बड़ी चालाकी से उन्हें भी निपटा दिया जाता.मजबूरी में चिराग के लिए हाजीपुर छोड़ते भी तो सजातीय मतदाताओं में गुप्त मैसेज भेजकर उन्हें हरवा देते.चिराग के पिता रामबिलास पासवान, लालू यादव की ऐसी मंशा भांप गए थे जब 1991 में हाजीपुर छोड़ रोसड़ा चुनाव लड़ने चले गए थे.
पप्पू यादव को रोकने के लिए पूर्णियां सीट कांग्रेस से लालू यादव ने छिन ली जबकि पिछले चुनाव में यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई थी.जबकि कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व पप्पू यादव लालू प्रसाद से आशीर्वाद लेकर दिल्ली गए थे.पप्पू यादव दिल्ली से लौटे तबतक बीमा भारती को राजद का टिकट थमा दिया गया था.पप्पू यादव के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पूरी कोशिश की लेकिन लालू प्रसाद यादव अपने निर्णय से टस से मस नहीं हुए.जबकि लालू यादव जैसे माहिर नेता को भी अहसास है कि पप्पू यादव को महागठबंधन का पूर्णियां से उम्मीदवार बनाया जाता तो सीमांचल की चार-पांच सीटों पर महागठबंधन उम्मीदवारों को लाभ मिलता.लेकिन लालू प्रसाद वर्तमान लोकसभा चुनाव से अधिक 2025 के विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रहे हैं.तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना लालू का अंतिम लक्ष्य है.
अब जब पप्पू यादव ने कांग्रेस से बगावत करते हुए पूर्णियां से बतौर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया तब तेजस्वी यादव ने कहा- जो खिलाफ,वो भाजपा के साथ.जवाब में पप्पू यादव ने कहा- मेरे एक वोट से लालू प्रसाद नेता प्रतिपक्ष बने.उनको मुखयमंत्री बनाने में मैं 11 विधायक को साथ लेकर उनके साथ रहा.लेकिन जब मेरी बारी आई तो…..मेरी ही पूजा में कमी रही होगी,जो मेरे लिए ऐसा दिन आया.दरअसल दोनों नेताओं ने इसी बहाने पूर्णियां के मतदाताओं को अपना अपना मैसेज दे दिया.तेजस्वी ने जहां क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं को मैसेज दिया कि जो उनके विरोधी वे भाजपा के साथ हैं,गलती से भी उन्हें समर्थन नहीं करना है.वहीं पप्पू यादव ने अपने सजातीय यादव मतदाताओं को यह मैसेज दिया कि हर बुरे समय में वे लालू यादव के साथ खड़े रहे.लेकिन मेरा ही पत्ता काट दिया.पप्पू यादव लालू प्रसाद पर तीखा प्रहार करने से लगातार बच रहे हैं.बल्कि पिता तुल्य बताते हुए उनकी पूजा करने का मैसेज देकर यादव मतदाताओं में “गुस्सा” के बजाए उनका सहानुभूति बटोरना चाहते हैं.