निशिकांत सिंह.पटना. पुलिस की छापेमारी में जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के घर से शराब की बोतलें बरामद हुई। एसएसपी (गया) ने प्रेस कान्फ्रेंस में इस बात की पुष्टि भी की है। नए उत्पाद कानून के अनुसार शराब की बोतल रखना भी जुर्म है और इसके लिए सात साल की सजा का प्रावधान है। फिर मनोरमा देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? मुकदमा जेल में बद बिंदी यादव और फरार रॉकी यादव के खिलाफ किया गया है जबकि घर मनोरमा देवी के नाम पर है। क्या यही कानून का राज है?
प्रेस वार्ता में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी कई सवालों से नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने बताया कि रॉकी के साथ उसकी गाड़ी में दो व्यक्ति और थे। बाडीगार्ड को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। रॉकी की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह तीसरा कौन था पुसिल को उसकी तलाश कर खुलासा करना चाहिए। कहीं वह ‘तीसरा’ भी कोई वीआईपी या उसकी संतान तो नहीं……..?
मोदी के अनुसार पिछले छह महीने में सत्ताधारी दल के एक दर्जन विधायक, सांसद और नेता कानून को हाथ में लेकर कथित सुशासन के ठेंगा दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कानून का हाथ लम्बा है, तो बतायें सरफराज आलम, गोपाल मंडल, राजबल्लभ यादव, सिद्धार्थ सिंह, अब्दुल गफूर,विनय वर्मा, कुंती देवी, मनोरमा देवी, बीमा भारती, संतोष कुशवहा, राणा गंगेश्वर और बिन्दी यादव के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चला कर अब तक कार्रवाई शुरू क्यों नहीं हुई है?
उन्होंने कहा कि बिहार को दहलाने वाली हत्या की चार बड़ी घटनाएं भाजपा नेता विशेश्वर ओझा, लोजपा नेता बृजनाथी सिंह, दरभंगा में दो इंजीनियर तथा पटना में स्वर्ण व्यवसाई,जिसकी चर्चा केवल बिहार में ही नहीं, पूरे देश में हुईं, मगर उनके मुख्य अभियुक्त अब तक नहीं पकडे गए हैं। मुख्यमंत्री बताएं क्या यहीं उनका कानून का राज है?