सात निश्चय में नया कुछ नहीं,एनडीए की पुरानी व केन्द्र की नई योजनाएं-नंदकिशोर

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निशिकांत सिंह.पटना.  बिहार विधानसभा में पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने प्रतिपक्ष नेता जैसे पूर्व के तेवर को अपनाते हुए नीतीश सरकार को जमकर लताड़ा. नंदकिशोर यादव ने कहा कि बिहार सरकार के जो सात निश्चय है उनमें अधिकतर सुशासन के कार्यक्रम की जो घोषणा एनडीए के समय में किया गया था वहीं है. उसमें कुछ नया है.इसमें भी अधिकतर वहीं योजनाएं है जो भारत सरकार द्वारा चलायी जा रहीं है चाहे हर घर में नल का पानी हो या हर घर में शौचालय हो जितनी भी योजनाएं है भारत सरकार के द्वारा पहले से चलायी जा रहीं है. उसका ये नाम यहां पर चेंज कर दिए है तथा कह रहें है सात निश्चय.

बजट पर बहस  करते हुए नंदकिशोर यादव अपने 51 मिनट के भाषण में कई शेरो शायरी भी पढ़ी. बीच में वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्धकी व उर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव टोका टोकी करते रहें. लेकिन नंदकिशोर यादव ने बिहार सरकार की नीतियों पर जहां खिंचाई की वहीं केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर राज्य सरकार के द्वारा धन्यवाद नहीं देने की  आलोचना भी की.

नंदकिशोर यादव ने कहा कि एनडीए की सरकार थी तो सुशासन के कार्यक्रम एक एजेंडा लाया था जिसपर हमलोग काम कर थे. उन योजनाओं को 2015 में ही पूरा हो जाना था लेकिन जब भाजपा सरकार से हट गई तो इन योजनाओं की रफ्तार धीमी हो गयी. अब सात निश्चय बनाएं है. और वो भी लागू होगा 2018 तक लेकिन क्रेडिट अपने उपर लेंगे. अगर भारत सरकार इन योजनाओं पर पैसा देना बंद कर दे ये योजनाओं का क्या होगा कैसे लागू करेंगे.

नंदकिशोर यादव ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत पंचायतीराज व्यवस्था और पंचायत शासन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से हर संभव प्रयास किये जायेंगे तथा प्रत्येक पंचायत में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण किया जाएगा. केद्र सरकार द्वारा  स्वास्थ्य के क्षेत्र में एलोपैथी के साथ-साथ आयुष विधा के तहत राज्य के सभी अस्पतालों में जनसाधारण को चिकित्सा सुविधा एवं दवाईयां उपलब्ध करायी जाएंगी.

स्कूली बच्चों के लिए विषेष कार्यक्रम बनाकर उनके स्वास्थ्य की जाच, बच्चावार स्वास्थ्य कार्ड का संधारण, विटामिन-ए, कृमिनाषक की दवा जैसी सुविधाएँ उन्हें तीन महीने में एक बार निश्चत रूप से उपलब्ध करायी जाएगी. लेकिन क्या हुआ . नंदकिशोर यादव ने कहा कि  इस तरह के अनेको घोषणाएं हवा हवाई हो गई.

नंदकिशोर यादव ने कहा कि पिछड़े वर्ग के छात्रों को पढ़ने के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना अंतर्गत सभी जिलों में छात्रावासों का निर्माण समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाना था.लेकिन अभी तक मात्र चार जिले में भवन बने है. और वो भी चालू नहीं हुए है.

सुशासन के कार्यक्रम के तहत तय किए गये थे सभी जिला मुख्यालयों में एक खेल स्टेडियम, प्रखंड स्तर पर मिनी स्टेडियम और पंचायत स्तर पर खेल मैदानों का निर्माण और संधारण किया जाएगा लेकिन क्या हुआ. अभी तकमात्र 80 स्टेडियम ही चालू हो पाये है.

 

 

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