निशिकांत सिंह.पटना. ‘योग दिवस’ को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिल जाने से भारतवर्ष की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अगुआई को एक बार पुनः वैश्विक प्रतिष्ठा मिली है। हम भारतीय संस्कृति और सभ्यता के मूल-तत्वों की ओर पूरे विश्व का ध्यान आकृष्ट करने में सफल हुए हैं। इसका श्रेय भारतीय नेतृत्व को जाता है। आज के दिन समूचा विश्व योग की ओर उन्मुख हो रहा है, योग के लिए जागृत हो रहा है एवं योग से लाभान्वित हो रहा है।’’
यह उद्गार महामहिम राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने आज गायत्री शक्ति पीठ, पटना द्वारा स्थानीय पाटलिपुत्र स्पोटर्स काम्प्लेक्स मैदान में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
राज्यपाल ने कहा कि योग न तो आस्था का विषय है, न ही अंध विश्वास का। यह तो एक सुपरिभाषित जीवन-शैली और समग्रतामूलक जीवन-दृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्रतीक है। भारत के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ का अर्थ है- वैश्वीकृत हो चुकी दुनिया द्वारा, भारत की ओर से मानवता को दिए गए सर्वश्रेष्ठ उपहार- ‘योग’- को मान्यता देने के अवसर का सामुहिक उत्सव मनाना।
श्री कोविन्द ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक दृष्टि तो सदा से वैश्विक रही है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को हमने सिर्फ सैद्धान्तिक ही नहीं, अपने व्यावहारिक जीवन-दर्शन का अभिन्न अंग बना रखा है। योग के क्षेत्र में विगत सत्तर वर्षों से गायत्री परिवार सक्रिय है। उन्होंने कहा कि युवा ‘योग’ को कैरियर के रूप में भी अपना सकते हैं। उन्होंने ‘अंतर्राष्ट्रीय योग-दिवस’ के अवसर पर समस्त बिहारवासियों को अपनी शुभकामनाएँ भी दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि योग हमारी संस्कृति की विरासत है और इसे आज पूरी दुनियाँ ने भी स्वीकार कर लिया है।कार्यक्रम में स्वागत-भाषण गायत्री-परिवार के एसएन राय ने किया, जबकि धन्यवाद-ज्ञापन अशोक कुमार ने किया। कार्यक्रम में गायत्री परिवार के यूथ फोरम के राज्य प्रमुख मनीष कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
उधर पटना गांधी मैदान में पतांजलि योग के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भाजपा के विधायक एवं कार्यकर्ताओं सहित पटना के आम लोगों ने योग कर योग दिवस मनाया।जबकि नीतीश सरकार के कई मंत्री आमंत्रण पर भी नहीं आए.