नीतीश बने जदयू के अध्यक्ष,कहा मैं पीएम मेटेरियल नहीं

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर्वसम्मति से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए. पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इसकी घोषणा की गई.अध्यक्ष चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने अपने पहले भाषण में पूरा जोर शराबबंदी पर ही दिया. शराबबंदी पर सीएम नीतीश कुमार ने दावा किया की यूपी में बॉर्डर पर शराब दुकानों का हर जगह विरोध हो रहा है. शराबबंदी से सड़क हादसों में कमी आई है , सूबे में हर बारात में अब शांति रहती है. पिछले साल 9 जुलाई को शराबबंदी का वादा किया था , हमने शराबबंदी को लागू किया जब एक बार माहौल बना तो पूर्ण शराबबंदी का फैसला लिया. वहीँ पडोसी राज्य झारखण्ड पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा की झारखंड की रघुवर सरकार पर बॉर्डर पर शराब से राजस्व कमाने की कोशिश मेंहै.
पीएम मेटेरियल पर सीएम ने कहा की आप से हाथ जोड़कर आग्रह है इस मुद्दे को ऐसे न उठाइये , मैं कभी पीएम मेटेरियल नहीं रहा. यह बिना वजह का अफवाह है. पीएम किसी के कहने से बन जाता है क्या कोई. नीतीश कुमार अपनी क्षमता के अनुरूप पार्टी चलाऊंगा. और कोशिश होगी कि पार्टी का विस्तार हो. शरद यादव जी ने भले ही पद का  परित्याग कर दिया  है लेकिन उम्मीद है की वो अभिभावक की भूमिका में रहेंगे, उनका नेतृत्व हमें मिलता रहेगा. भाजपा के साथ हमारा गठबंधन था लेकिन उसके नए अवतार के साथ चलना मुश्किल हो रहा था इसीलिए हमलोग अलग हो गए. क्योकि हम सिद्धान्त से समझौता नहीं कर सकते.

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान भाजपा को अहंकार हो गया था. आक्रामक प्रचार चला, लेकिन हम कभी मर्यादा नहीं तोड़े. शराबबंदी बिहार में लागु हो गई है. हमने पडोसी राज्यो को पत्र लिखा है कि अपने यहाँ से बिहार शराब न आने दे. लेकिन झारखण्ड के मुख्यमंत्री का जवाब आया है कि करवाई के लिए उत्पाद विभाग को निर्देश दे दिया है. हमको लग रहा था कि चुनाव में ही भाजपा के लोग सिर्फ चुनाव में ही सनके है..लेकिन चुनाव के बाद भी नशा नहीं उतरा है.  हम यूपी, झारखण्ड, उड़ीसा में भी जायेंगे. शराबबंदी लागू कराने के अभियान में. हम यूपी की सरकार से पूछेंगे कि शराब की खपत का ज्यादा लक्ष्य क्यों तैयार किया गया है. शराब पिने वाले लोग मुझे कोस रहे होंगे, मुझे श्राप रहे होंगे. इनके श्राप से अगर हम ऊपर चले जाये तो इससे अच्छी मुक्ति कुछ नहीं हो सकती. शराबबंदी महात्मा बुद्ध और बापू सा सपना है.

संघ की राजनैतिक सखा है..भाजपा. जो देशभक्त नहीं है उसे देश में रहने का अधिकार नहीं है लेकिन भाजपा को देशभक्ति का सर्टिफिकेट बाँटने का कोई हक़ नहीं है. हम देशभक्त है लेकिन इसका सर्टिफिकेट हमें संघ से नहीं चाहिए. इनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है.जैसे हम बिहार में एकजुट होकर यंहा से भाजपा को हराया वैसे ही अगर हम देश में एकजुट हो जाये तो देश से भी इनका सफाया कर सकते है. प्रधानमंत्री पद का मैं कोई दावेदार नहीं हूँ लेकिन कैटलिस्ट की भूमिका में जरूर रहूँगा. जिसको पीएम बनना होगा वो बन जायेगा लेकिन जो कहेगा की इस पद के लिए अपना नाम लेगा वो सात जन्म में पीएम नहीं बनेगा. भाजपा सिर्फ नारे देती है..स्टार्ट अप इंडिया,स्टैंड अप इंडिया .कुछ दिन दिन बाद ये नारे देंगे. सिट डाउन इंडिया,ले डाउन इंडिया।स्लीप फॉर एवर इंडिया. जो लोग भाजपा से मुकाबला करना चाहते है, वो आपस में मुकाबला नहीं करे. एक समय में एक लक्ष्य से मुकाबला करना चाहिए.

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