निशिकांत सिंह.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एन0आई0टी0 श्रीनगर मामले के संदर्भ में कहा कि एन0आई0टी0 श्रीनगर मामले पर केन्द्र सरकार ज्यादा अच्छा जवाब दे सकती है। एक ही पार्टी की केन्द्र एवं जम्मू कश्मीर में सरकार है। एन0आई0टी0 श्रीनगर में छात्रों के साथ दुर्व्र्यवहार किया गया है, इसमें बिहार के भी छात्र है। हम इस घटना की निंदा करते है। यह घटना निन्दनीय है। इस मामले में केन्द्र सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिये। एन0आई0टी0 जैसे संस्थान जहां विभिन्न राज्यों के बच्चे पढ़ते हैं तथा ऐसे संस्थान हर राज्य में हैं, में इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिये। राज्य सरकार इस संदर्भ में जम्मू कश्मीर सरकार से बातचीत कर रही है तथा एन0आई0टी0 श्रीनगर में पढ़ रहे बिहार के छात्रों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान देने पर बातचीत की जा रही है। केन्द्र सरकार एक तरफ तो भारत माता की जय के नारे लगाती है तथा दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में भारत माता की जय नारे लगाने वालों की पिटाई कराती है। यह घटना केन्द्र सरकार की दोहरी नीति को दर्शाता है। केन्द्र सरकार को अपना स्टैण्ड स्पष्ट करना चाहिये। हर मायने में इस तरह की घटना सही नहीं है।
उर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब बिहार में शराबबंदी से संबंधित प्रश्न पूछे गए तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी पर पूरा बिहार एक साथ है। इसके लिए सभी दल एक साथ है। सभी दलों ने शराबबंदी के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने को कहा है। शराबबंदी को व्यापक समर्थन मिला है। शराबबंदी से बिहार में एक नई सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई है, इसके लिए बिहार के लोगों में उत्साह है। सभी के समर्थन तथा सरकार के मशीनरी के तालमेल से शराबबंदी पूरी तरह लागू करने में सफलता मिलेगी। प्राचीन इतिहास से लेकर आजादी की लड़ाई तक, महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर, मोरारजी देसाई भी शराबबंदी के पक्ष में थे तथा इसके लिए प्रयास किये थे। कर्पूरी ठाकुर ने 1977 में शराबबंदी लागू किया था तथा मोरारजी देसाई ने शराबबंदी के लिए देश भर में प्रचार किया था। हमलोगों ने सभी पहलुओं तथा विभिन्न राज्यों के अनुभव का अध्ययन किया है। अध्ययन के पश्चात् ही शराबबंदी लागू की गई। सरकार ने तो 1 अप्रैल 2016 से देशी मसालेदार शराब पर पूर्ण पाबंदी लागू की थी परन्तु शहरी क्षेत्रों में विदेशी शराब की दुकान खुलने का विरोध देखकर तथा शराबबंदी के लिए लोगों में उत्साह को देखते हुये सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू किया। हम शराबबंदी का श्रेय सभी को देते है। बहुत लोग कहते हैं कि सरकारी कोष पर इसका प्रभाव पड़ेगा, पर यह कोई नैतिक व्यापार तो नहीं है। शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लोगों का जो पैसा बचेगा वह लोग दूसरे क्षेत्र स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण में खर्च करेंगे। इससे मार्केट इकोनोमी बेहतर होगी। इससे दूसरे क्षेत्रों का विकास होगा। लोग अच्छे कार्यों में पैसे को खर्च करेंगे, जिससे उनका जीवन स्तर बढे़गा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के लिए पूरा वातावरण तैयार हो रहा है। शराबबंदी का बिहार में सफलतापूर्ण लागू होने पर जन आन्दोलन के रूप में पूरे देश में इसकी मांग होगी। आज बिहार के बाद देश के लोग शराबबंदी के पक्ष में बोल रहे है। कल महाराष्ट्र से एक महिला समूह का खबर आई थी साथ ही जगह-जगह से लोग संवाद भेज रहे है। शराबबंदी लागू कर हम देश की तरक्की में योगदान करेंगे।
सूखे की स्थिति पर पूछे गये प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश में सूखे की स्थिति भयंकर है। बिहार में भी कम वर्षा के कारण वाटर टेबल का स्तर नीचे जा रहा है। पूरे देश की स्थिति ऐसी ही है, गर्मी के मौसम में लोगों को अनेक प्रकार की कठिनाई हो रही है, पीने के पानी की भी समस्या है। आज केन्द्र सरकार एवं पूरे देश को इसकी चिंता होनी चाहिये। सभी को साथ मिलकर ज्यादा सक्रिय होकर काम करना चाहिये।