निशिकांत सिंह.पटना.पूर्व सीएम और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ताड़ी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का विरोध किया है. मांझी ने कहा कि मैंने भी 15 दिनों तक ताड़ी का सेवन किया था जिससे उनकी कमजोरी दूर हो गयी थी.
मांझी ने कहा कि ताड़ी व्यवसाय में एक खास सुमदाय के लोगों के साथ गरीब और एससी-एसटी समुदाय के लोग जुड़े हुए हैं. बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये ताड़ी पर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं है. इस मांमले में सरकार को लालूजी से सबक लेनी चाहिए जिन्होंने ताड़ी पर टैक्स समाप्त कर दिया था.
मांझी ने कहा कि अगर सरकार ईमानदार है तो खैनी और गांजा पर भी रोक लगाए. ताड़ी पर प्रतिबंध लगाने से कितनी आमदनी होगी ? यह बेमतलब की बात है. ताड़ी नशा की चीज नहीं है बल्कि इसके फायदा होता है. मेरा यह निजी अनुभव है.
उन्होंने कहा कि सरकार अप्रैल फूल बना रही है. अभी दावे कर रही है फिर बाद में कहेगी कि लोग विरोध कर रहे हैं लिहाजा इसे वापस ले रहे हैं
प्रेस वार्ता में मांझी ने कहा कि सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन को खत्म करने जा रही है. जबकि सुप्रीम कोर्ट में नागराज मामले में ये निर्णय आया था कि राज्यसरकार चाहे तो, फैट्स रखते हुए प्रमोशन में आरक्षण जारी रख सकती है. बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट के नागराज मामले के अनुसार कार्य करना चाहिए. और जबतक कोई मामला सब-ज्युडिश हो, तो कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए. राजस्थान और मध्यप्रदेश में नागराज मामले के आधार पर प्रमोशन में आरक्षण लागू रखेंगे. वहां भाजपा की सरकार है, जिसे ये लोग आरक्षण विरोधी कह कर वोट लेने का काम किये हैं. बिहार सरकार आरक्षण विरोधी और दलित विरोधी है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी का कदम सराहनीय है, पर सिर्फ शराबबंदी है या नशाबंदी- राज्य सरकार स्पष्ट करे. और शराबबंदी में दोगली नीति क्यों. देसी बंद पर अंग्रेजी शराब पर बैन क्यों नहीं. इससे अपराध और बढ़ेगा. देसी शराब को विदेशी बोतल में बेचा जायेगा. अफीम की खेती हो रही है. इसे बंद करना चाहिए.
हम,लोजपा व रालोसा के मर्जर के सवाल पर उन्होंने कहा- मर्जर पर बात नहीं हुई. बात ये थी कि तीनों की सहमति से कोई भी कार्यक्रम का आयोजन कर जनहित का कार्य करें. लॉ एण्ड आर्डर पर तीनों मिलकर अपराध और सरकार का विरोध करेंगे. भाजपा हमें तबज्जो नहीं दिया तो हमलोग एक झंडे, एक बैनर के नीचे भी आ सकते हैं. इससे NDA को ही फायदा होगा. यूपी, बंगाल और आसाम में हमलोग आपस में मदद करेंगे. मायावती जी की पार्टी के लोगों से बात हुई, उनसे भी बात होने की बात है. हम अखिलेश यादव की सरकार फिर से न बने, इसके लिए प्रयास करेंगे. रामविलास पासवान, उपेन्द्र कुशवाहा या जीतन राम मांझी कोई भी लीडर हो सकते हैं. भाजपा को बड़ा भाई मानते हैं. पर हमें वो तवज्जो नहीं दे रहे हैं. ये उनकी नादानी है.