प्रमोद दत्त. हाजीपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मंच से एक दूसरे की सराहना कर बिहार के विकास के लिए एक नया संदेश दिया. गांव- गांव बिजली पहुंचाने की योजना में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के सहयोग की तारीफ की वहीं जर्जर गांधी सेतु के मामले को केंद्र सरकार द्वारा गंभीरता से लिए जाने पर नीतीश कुमार प्रसन्नता जाहिर की. इस अवसर पर बिहार की रेल परियोजनाओं के प्रति यूपीए सरकार के नकारात्मक रवैए की चर्चा कर नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जरूर कटघरे में खड़ा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाजीपुर में आयोजित सभा में बिहार को रेल की तीन सौगातें दी. बटन दबाकर जहां दीघा रेल सह सड़क पुल और मुंगेर के रेल सह सड़क पुल का लोकार्पण कर दोनों बड़े पुल को राष्ट्र को समर्पित किया. वहीं मोकामा में राजेंद्र पुल के समानांतर नई रेल पुल का शिलान्यास भी किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर पिछले 10 वर्षों में इस पुल निर्माण को नेगलेट नहीं किया गया होता तो शिलान्यास करनेवाले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी व तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार का यह सपना 5-6 वर्षों में पुरा हो गया होता. उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में बिहार से जुड़ी रेल परियोजनाओं पर जितना खर्च हुआ है उससे ढ़ाई गुना अधिक 18 माह की हमारी सरकार ने किया है. यदि उपेक्षा की मार बिहार में लगनेवाली दो रेल कारखानाओं का भी रहा है. लेकिन अब हमारी पहल पर दुनिया की बड़ी कंपनियों ने इसमें रूचि दिखाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि पूर्वी भारत के विकास के बिना देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. वह चाहे पूर्वी उत्तर प्रदेश हो, बिहार बंगाल या असाम हो. उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी 18000 गांवों में बिजली नहीं पहुंची. हमने रणनीति बनाई और कहा जो 70 वर्षों में नहीं हुआ उसे एक हजार दिनों में पूरा करना है. नतीजा 6000 गावों में बिजली पहुंच गई. इसका सबसे अधिक लाभ उत्तर प्रदेश और बिहार को मिला. नीतीश जी को धन्यवाद देना चाहुंगा कि उनका और उनके अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए रेल बजट की चर्चा करते हुए कहा कि रेल बहुत पुरानी व्यवस्था है और पुरानी हालात में रही तो रेल बोझ बन जाएगी. इसलिए हमारी सरकार ने रेल के नवीनीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है. कम समय में रेल का का कायाकल्प हो जाएगा. उन्होंने गरीब और मिडिल क्लास के यात्रियों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा कि रिजर्वेशन से मुक्ति पाने के लिए अब लंबी दूरी के ट्रेनों में 3-4 सामान्य डिब्बे होंगे ताकि गरीबों को लाभ मिले. उन्होंने गैस पाईप लाईन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस बजट में 5 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को गैस कनेक्शन चुल्हा देने का बीड़ा उठाया है ताकि गरीब महिला को चुल्हा के धुएं से होनेवाली बीमारियों से बचाया जा सकें. नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का भाग्य बदलना है तो बिहार का विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाना होगा. केंद्र और राज्य कंधे से कंधा मिलाकर यह काम करेंगे, यह मेरा विश्वास है.
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेल से संबंधित तीन परोजनाओं के उद्घाटन –शिलान्यास पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि बिहार के विकास में इन परियोजनाओं का महत्व तो है ही मुझे व्यक्तिगत संतोष मिल रहा है क्योंकि दोनों पुल का शिलान्यास अटल जी ने किया था ओर रेल की जिम्मेदारी तब मुझपर थी. उन्होंने प्रधानमंत्री का बिहार आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि तरक्की के लिए आगे भी आपकी यात्राएं होती रहे. देश की तरक्की के लिए बिहार की तरक्की भी आवश्यक है. केंद्र राज्य मिलकर विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाएंगे. आपने पूरे सहयोग की अपेक्षा है. मुझे उम्मीद है विकास के लिए केंद्र का भरपूर सहयोग मिलेगा. अभी हाल में गांधी सेतु के जर्जर होने की जानकारी दी गई,जिसे केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है.
सभा को रेलमंत्री सुरेश प्रभू ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि रेल बजट में बिहार के लिए कुल 3171 करोड़ की परियोजनाएं दी गई है . हमारे लिए बिहार विकास प्राथमिकता में है. रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य अतिथियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर की.
समारोह में बिहार के राज्यपाल महामहिम रामनाथ कोबिंद , केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राधामोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूढ़ी., उपेंद्र कुशवाहा, गिरिराज सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, रामकृपाल यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुसील मोदी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. प्रेम कुमार, अन्य सांसद- विधायक के अलावा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल भी उपस्थित थे.