विकास के लिए बिहार को विशेष दर्जा जरूरीः राज्यपाल

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निशिकांत सिंह

पटना. विकास के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा  दिया जाना जरूरी है.यह राज्य का वाजिब हक है जो मिलना चाहिए. बिहार विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राज्यपाल राम नाथ कोविन्द ने यह कहा. अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि राज्य में तरक्की की रफ्तार को और तेज करने के लिए उद्योगों का जाल बिछाने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ देश की प्रगति में भी योगदान देने के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना जरूरी है.

राज्यपाल ने कहा है कि राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. महिला सशक्तिकरण की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का यह संकल्प है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का विकसित बिहार के सात निश्चय कार्यक्रम को सुशासन का लक्ष्य पाने के लिए स्वीकार किया जाएगा. कहा कि समृद्ध और विकसित बिहार बनाने के लिए यह ठोस कार्यक्रम साबित होगा. प्रगति पथ के जिस मील के पत्थर पर आज बिहार पहुंचा है वहां से आगे बढ़ने के लिए चल रहे कार्यक्रमों के अतिरिक्त कुछ नए संकल्प पर काम करना होगा. सरकार के प्रयासों से बहुत कुछ हासिल हुआ है और आगे बहुत कुछ किया जाना है.

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार उसी रास्ते पर आगे बढ़ेगी जिस पर वह बीते एक दशक से चल रही है. खासकर न्याय के साथ विकास और सुशासन का अपने पुराना निश्चय से वह डिगने वाली नहीं. अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का संकल्प उसी प्रतिबद्धता से लागू होगा जैसा पिछली सरकार में था. उन्होंने कहा कि संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी. इसी तरह जीरो टालरेंस की नीति अपनाकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध राज्य सरकार की मुहिम जारी रहेगी. भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ उसी तेवर के साथ कार्रवाई होगी.

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार बिना कोई पूर्वाग्रह या भेद भाव के राज्य की प्रगति के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करेगी. विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करता है सरकार चलाने का भरपूर प्रयास करेगी. राज्यपाल ने कहा कि बिजली की स्थिति को सुधारने का काम राज्य सरकार ने चुनौती मानकर स्वीकार किया और इसमें लगातार सुधार हुआ. आज सभी जिला मुख्यालयों में औसतन 22 से 24 घंटे बिजली रहती है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 14 घंटे बिजली रहती है. इसी अवधि में राज्य का विद्युत उत्पादन 700 मेगवाट से बढ़कर 14 सौ मेगावाट पहुंच गई. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समेकित विकास हेतू राज्य सरकार कृत संकल्पित है. उन्होंने कहा कि बिहार देश के सबसे युवा बहुल राज्यों में से एक है. क्योंकि नयी पीढी को शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाना है.

इसके पहले सुबह 11. 20 में राज्यपाल विधानसभा पहुंचे. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी उन्हें लाने खुद बाहर गए. विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के साथ चौधरी राज्यपाल को लेकर सदन में आए. अपने 40 मिनट के भाषण में राज्यपाल ने राज्य सरकार की दस वर्षों की उपलब्धियों की प्रशंसा की और उन्हें आगे भी जारी रखने का संकल्प दर्शाया. सड़क,बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में सरकार अपने पुराने मार्ग पर ही आगे बढ़ेगी.

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