प्रमोद दत्त
जनता दल के विभाजन के समय लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने एक-दूसरे पर साधा था निशाना। लालू प्रसाद ने जहां जनता दल तोड़ने वालों का पर्दाफाश करने का ऐलान किया था वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार ने कहा था “बिहार को लालू के आतंक से मुक्त कराया जाएगा”।
22 जून 1994 को जनता दल से अलग होने वाले नीतीश ने तत्कालीन सांसद वृषिण पटेल के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में लालू के आतंक राज से बिहार को मुक्त कराना ही अपना लक्ष्य बताया था। पहली बार लालू के आतंक राज की चर्चा हुई थी जो बाद में ‘जंगल राज’ के रूप में राजनीतिक नारे के रूप में स्थापित हो गई।
संसदीय दल में विभाजन के बाद तब नीतीश कुमार ने दावा किया था कि विधायक और कार्यकर्ताओं का उन्हें समर्थन प्राप्त है लालू सरकार को गिराने के सवाल पर तब उन्होंने कहा था कि विधायकों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए.
प्रेस वार्ता में नीतीश ने कहा था कि मुख्यमंत्री (तत्कालीन) लालू प्रसाद की कार्यशैली बदलने में के लिए पर्याप्त समय दिया गया था. इस सिलसिले में उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था. सांसद (तत्कालीन) वृषिण पटेल एवं पार्टी के नेता शिवानंद तिवारी ने पार्टी में व्याप्त ‘भ्रष्टाचार’ की ओर ध्यान उन पत्रों का जवाब तक नहीं दिया गया.